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जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी हो…बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने पर बोले लालू यादव

लालू यादव ने एक्स पर लिखा कि, आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। ये आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे।

By शिव मौर्या 
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Bihar Caste Based Survey Report: बिहार में हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को सोमवार जारी कर दिया गया। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद सभी पार्टियों के नेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब राजद प्रमुख लालू यादव की इस पर प्रतिक्रिय आई है। उन्होंने कहा कि, सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो।

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लालू यादव ने एक्स पर लिखा कि, आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। ये आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे।

इसके साथ ही लिखा कि, सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे।

बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना: तेजस्वी यादव
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा कि, कम समय में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े एकत्रित एवं उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया। इस सर्वेक्षण ने ना सिर्फ वर्षों से लंबित जातिगत आंकड़े प्रदान किये हैं बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है। अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी। इतिहास गवाह है भाजपा नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रूकावट डालने की कोशिश की। बिहार ने देश के समक्ष एक नजीर पेश की है और एक लंबी लकीर खींच दी है सामाजिक और आर्थिक न्याय की मंज़िलों के लिए। आज बिहार में हुआ है कल पूरे देश में करवाने की आवाज उठेगी और वो कल बहुत दूर नही है। बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाई है और आगे भी दिखाता रहेगा।

 

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