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असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के पोस्ट पर बढ़ा बवाल, तो मांगी माफी,पवन खेड़ा ने पूछा कि क्या पीएम और राष्ट्रपति जातिवादी टिप्पणियों से सहमत हैं?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने बीते गुरुवार को भगवद गीता का श्लोक (Bhagavad Gita Verse) एक्स पर पोस्ट किया। इसमें लिखा था कि गीता के अनुसार, शूद्रों का कर्तव्य अन्य तीन जातियों - ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य की सेवा करना है। इसके पोस्ट पर विवाद हुआ।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने बीते गुरुवार को भगवद गीता का श्लोक (Bhagavad Gita Verse) एक्स पर पोस्ट किया। इसमें लिखा था कि गीता के अनुसार, शूद्रों का कर्तव्य अन्य तीन जातियों – ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य की सेवा करना है। इसके पोस्ट पर विवाद हुआ। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) सहित कई नेताओं ने उन पर निशाना साधा और जाति विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

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बीते गुरुवार रात को असम सीएम ने एक्स पर एक और पोस्ट किया। इसमें लिखा कि मेरी टीम के एक सदस्य ने गीता के अध्याय 18 के 44वें श्लोक से एक श्लोक गलत अनुवाद के साथ पोस्ट किया। सीएम सरमा ने लिखा कि गलती का एहसास होते ही यह पोस्ट हटा दिया। किसी को ठेस पहुंची है तो मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma)ने अपने माफीनामे वाले पोस्ट में यह भी कहा कि असम एक जातिविहीन समाज की तस्वीर है और गलत अनुवाद एक गलती थी। मैं नियमित तौर पर हर सुबह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भगवद गीता का एक श्लोक अपलोड करता हूं। अब तक 668 श्लोक पोस्ट किए हैं। जिस पोस्ट को डिलीट किया गया है उसमें भगवत गीता (Bhagavad Gita) के श्लोक का अनुवाद करते हुए लिखा गया था, ‘खेती, गो पालक और व्यापार- ये वैश्यों के अंतर्निहित और स्वाभाविक कर्म हैं तथा ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य ये तीनों वर्णों की सेवा करना शूद्र का स्वाभाविक कर्म है।’

कांग्रेस ने पूछा पीएम और राष्ट्रपति से सवाल

असम सीएम के ट्वीट पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। पार्टी नेता पवन खेड़ा (Party leader Pawan Kheda) ने पूछा कि क्या पीएम और राष्ट्रपति हिमंत बिस्वा की जातिवादी टिप्पणियों से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि और फिर यदि आप उनसे कुछ कहेंगे तो वह अपनी पुलिस भेज देंगे, लेकिन ऐसी मूर्खतापूर्ण टिप्पणियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। क्या राष्ट्रपति भवन और पीएमओ हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) की जातिवादी टिप्पणियों से सहमत हैं?

असम सीएम ने समाज के बारे में अपना नजरिया बताया: असदुद्दीन ओवैसी

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AIMIM चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief and Lok Sabha MP Asaduddin Owaisi) ने सरमा पर इस पोस्ट को लेकर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि वह (हिमंत बिस्वा सरमा) हर भारतीय नागरिक के साथ समान व्यवहार करने की अपनी शपथ पूरी नहीं कर रहे हैं। हाल ही में हटाए गए एक पोस्ट में असम के सीएम ने समाज के बारे में अपने नजरिए के बारे में विस्तार से बताया।

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उन्होंने आगे लिखा कि खेती, गाय पालन और वाणिज्य वैश्यों का प्राकृतिक कर्तव्य है और ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों की सेवा करना शूद्रों का प्राकृतिक कर्तव्य है। एक संवैधानिक पद पर रहते हुए आपकी शपथ प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार करने की है। यह उस दुर्भाग्यपूर्ण क्रूरता में झलकता है जिसका असम के मुसलमानों ने पिछले कुछ सालों में सामना किया है। हिंदुत्व स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के विपरीत है।

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