ग्रामीण परिवेश की महिलाओं और पुलिस के बीच संवाद भी बेहद कम है। जिन मामलों में महिलाएं पुलिस से संवाद स्थापित करती हैं या फिर किसी कारणवश चौकी या थाने तक जाती हैं तो उन्हें भी अक्सर नकारत्मकता से देखा जाता है। इसी नकारात्मक व्यवहार से बचने के कारण कई बार महिलाएं वाजिब समस्याएं और खुद पर हो रहे अत्याचार पुलिस से साझा नहीं कर पाती, कुछ दिन बाद यही बातें बड़ी घटना का रूप ले लेती हैं।
लखनऊ। अब जनता को पुलिस के साथ जोड़ने के लिए बुलंदशहर की पुलिस (Bulandshahr police) ने एक नया तरीका खोज निकाला है। इसके तहत पुलिस अधिकारी गांव में जाकर स्वयं लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनका निस्तारण भी कर रहे हैं। एएसपी अनुकृति शर्मा ने बुलंदशहर में “पुलिस माय फ्रेंड अभियान” शुरू किया है। इसके तहत वह स्वयं गांवों में जाकर चौपाल के माध्यम से लोगों से मिल रही हैं। साथ ही पुलिस से संबंधित उनकी समस्याओं पर खुल कर लोगों से बात कर रही हैं। वहीं, पुलिस माय फ्रेंड अभियान में खासतौर से बच्चों को पुलिस से जोड़ा जा रहा है।जिससे बच्चों के मन में पुलिस के प्रति बैठा डर निकल सके और बच्चे स्वयं पुलिस से सीधा संवाद स्थापित कर सकें।
एएसपी अनुकृति शर्मा (ASP Anukriti Sharma) ने बताया कि गांवों में पुलिस की छवि आज भी बहुत बेहतर नहीं है, अब इसे बदलने की जरूरत है। विशेष तौर से ग्रामीण परिवेश की महिलाओं और पुलिस के बीच संवाद भी बेहद कम है। जिन मामलों में महिलाएं पुलिस से संवाद स्थापित करती हैं या फिर किसी कारणवश चौकी या थाने तक जाती हैं तो उन्हें भी अक्सर नकारत्मकता से देखा जाता है। इसी नकारात्मक व्यवहार से बचने के कारण कई बार महिलाएं वाजिब समस्याएं और खुद पर हो रहे अत्याचार पुलिस से साझा नहीं कर पाती, कुछ दिन बाद यही बातें बड़ी घटना का रूप ले लेती हैं।
स्कूल, कॉलेज जाने वाली छात्राओं को भी ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब पुलिस यदि उनके पास जा कर स्वयं समस्याओं को सुनेगी तो वह खुल कर बोल भी पाएंगी और पुलिस की नकारात्मक छवि भी दूर कर सकेंगी। इस अभियान से ग्रामीणों की समस्याएं सुलझेंगी और पुलिस को भी अपराध पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ पुलिस का मुखबिर तंत्र और मजबूत होगा। अभियान के तहत एएसपी अपना मोबाइल नंबर भी लोगों को दे रही हैं और सीधा संपर्क करने हेतु उन्हें प्रेरित भी कर रही हैं।
अभियान में बच्चों पर दिया जा रहा विशेष ध्यान
एएसपी अनुकृति शर्मा (ASP Anukriti Sharma) ने बताया कि बच्चे संवाद का एक बेहतरीन माध्यम हैं। उन्हें यह भी पता होता है की गांव-मोहल्ले में कौन सा व्यक्ति किस प्रवृत्ति का है। साथ ही गांव में कहां और क्या चल रहा है यह भी जानकारी बच्चों को रहती है। आज कल लगभग सभी बच्चे मोबाइल फ्रेंडली हैं। ऐसे में पुलिस से उनका संवाद काफी हद तक गांव स्तर पर जारी गतिविधियों से पुलिस को वाकिफ कराएगा। साथ ही बच्चों के मन में शुरू से ही पुलिस को लेकर जो डर बैठाया गया है वह भी दूर होगा। जिससे निकट भविष्य में वह खुलकर पुलिस के सामने अपनी बातें रख सकेंगे।
अभियान में आ रही सभी विभागों से जुड़ी शिकायतें
कोतवाली क्षेत्र में जारी अभियान में पुलिस विभाग के अलावा राजस्व, पंचायत, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी तमाम शिकायतें भी ग्रामीण पुलिस के सामने रख रहे हैं। एएसपी ने बताया कि जो समस्याएं पुलिस विभाग से जुड़ी हैं उनके निराकरण हेतु संबंधित चौकी इंचार्ज और थानाध्यक्ष को त्वरित कार्रवाई हेतु आदेश जारी किया जाता है। जबकि अन्य विभागों से जुड़ी समस्याओं को संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को अवगत कराया जाता है।