यूपी (UP) के कन्नौज जिले (Kannauj District) के छिबरामऊ में विशुनगढ़ थाना क्षेत्र (Vishungarh Police Station Area) के धरनीधीर पुर नगरिया गांव (Dharnidheer Pur Nagaria Village) में हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ (History sheeter Ashok Yadav alias Munua) के तीन मंजिला मकान को प्रशासन ने गुरुवार को ध्वस्त कर दिया है।
कन्नौज । यूपी (UP) के कन्नौज जिले (Kannauj District) के छिबरामऊ में विशुनगढ़ थाना क्षेत्र (Vishungarh Police Station Area) के धरनीधीर पुर नगरिया गांव (Dharnidheer Pur Nagaria Village) में हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ (History sheeter Ashok Yadav alias Munua) के तीन मंजिला मकान को प्रशासन ने गुरुवार को ध्वस्त कर दिया है। सुबह पहुंची प्रशासन की टीम ने जेसीबी (JCB)से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है।
कन्नौज में सिपाही सचिन राठी के हत्यारोपी हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ के घर पर खूब गरजा बाबा का बुलडोजर, तीन मंजिला मकान प्रशासन ने किया ध्वस्त। #Kannauj #Sachinrathi #Crime #buldozar pic.twitter.com/2RDKToCA4a
— santosh singh (@SantoshGaharwar) January 4, 2024
प्रशासन की टीम ने एक दिन पहले ही उसके मकान से सभी सामान हटवाकर रिश्तेदारों के हवाले कर दिया था। सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल मौजूद है। एसडीएम छिबरामऊ उमाकांत तिवारी (SDM Chhibramau Umakant Tiwari) के साथ तहसीलदार, नायब तहसीलदार के अलावा पांच थानों छिबरामऊ, सौरिख, गुरसहायगंज, सकरावा, तालग्राम, विशुनगढ़ के सभी थाना प्रभारी व पुलिस और पीएसी मौजूद है।
बता दें कि हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ (History sheeter Ashok Yadav alias Munua) ने 25 दिसंबर को वारंट तामील कराने गई पुलिस पर हमला किया था। हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ की ओर से चलाई गई गोली से जख्मी हुए सिपाही सचिन राठी की इलाज के दौरान कानपुर में मौत हो गई थी। इस आरोप में मुनुआ के साथ ही उसकी पत्नी और एक नाबालिग पुत्र को पुलिस ने पकड़ा था। पति-पत्नी जेल भेजे गए हैं, पुत्र को बाल सुधार गृह भेजा गया है।
हिस्ट्रीशीटर मुनुआ यादव (History sheeter Munua Yadav ) ने विशुनगढ़ थाना इलाके के धरनीधीर पुर नगरिया गांव (Dharnidheer Pur Nagaria Village) सभा के गांटा संख्या 578 क्षेत्रफल .0080 हेक्टेयर पर तीन मंजिला मकान बनवाया था। गांव सभा की जमीन को अवैध अतिक्रमण कर बने मकान को अवैध बताते हुए एसडीएम उमाकांत तिवारी ने धारा 133 सीआरपीसी की कार्रवाई करते हुए दो जनवरी को ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया था।
इसी कड़ी में तहसीलदार अनुभव कुमार की ओर से भी धारा 67 सीआरपीपी के तहत बेदखली की कार्रवाई की गई थी। मुनुआ के अधिवक्ता अभिषेश द्विवेदी ने आपत्ति दाखिल की थी। विपक्षी अधिवक्ता के तर्कों व राजस्व टीम की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों के निरीक्षण के बाद मुनुआ का मकान जिस आराजी पर बना है वह राजस्व अभिलेखों में सेक्टर मार्ग में दर्ज है।
तहसीलदार न्यायालय में सर्किल रेट के आधार पर अतिक्रमित भूमि की कीमत आठ लाख रुपये आंकी गई। इसे ध्वस्त करने में अनुमानित कीमत पर पांच प्रतिशत क्षतिपूर्ति का फरमान सुनाते हुए 15 दिनों के अंदर 40 हजार रुपये राजस्व न्यायालय में जमा कराने का फरमान सुनाया है।
रुपये के नाम पर नहीं मिली फूटी कौड़ी
पुलिस व राजस्व टीम की मौजूदगी में मुनुआ के मकान से घरेलू निकलवाया गया। मजे की बात यह है कि पांच साल तक प्रधानी करने के साथ ही कई वर्षों तक रंगबाजों की तरह जीवन यापन करने वाले मुनुआ के घर से नकदी के नाम पर पुलिस को फूटी कौड़ी नहीं मिली। विशुनगढ़ थानाध्यक्ष ने बताया कि घर से जो सामान निकलवाया गया, उसमें न तो नकदी थी और न ही जेवर। यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना रहा।
प्रशासन को जुड़वाना पड़ा बिजली कनेक्शन
25 दिसंबर को पुलिस मुठभेड़ के बाद प्रशासन ने मुनुआ के घर का बिजली कनेक्शन कटवा दिया था। बुधवार को राजस्व टीम ने मुख्य गेट से राधा कृष्ण की मूर्ति को हटवाया, लेकिन लेंटर में सरिया के साथ जुड़ी होने के कारण मूर्ति को जगह से नहीं हटाया जा सकता। उसके बाद प्रशासन ने बिजली कर्मचारी को बुलाकर कटा हुआ कनेक्शन जुड़वाया। तब तक छिबरामऊ से आए मजदूरों ने ग्राइंडर से सरिया काटकर मूर्ति को हटाया। काम पूरा होने के बाद दोबारा बिजली का कनेक्शन काट दिया गया।