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Bahraich Violence : अखिलेश का योगी सरकार पर हमला, बोले- लाउडस्पीकर पर क्या बज रहा था, यह देखना किसकी जिम्मेदारी?

यूपी के बहराइच जिले में हो रही हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार (Yogi Government) पर हमला बोला है। पूछा कि लाउडस्पीकर पर क्या बज रहा था, यह देखना किसकी जिम्मेदारी थी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के बहराइच जिले में हो रही हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार (Yogi Government) पर हमला बोला है। पूछा कि लाउडस्पीकर पर क्या बज रहा था, यह देखना किसकी जिम्मेदारी थी। बहराइच के साथ ही वाराणसी के प्रसिद्ध नाटी इमली के भरत मिलाप में हुए लाठीचार्ज को लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  ने कहा कि इन घटनाओं के लिए सीधे-सीधे शासन और प्रशासन जिम्मेदार है। इसके लिए जिम्मेदार इनकी वोट की राजनीति हैं। ये लोग जानबूझ कर यह सब करवा रहे हैं। कभी किसी के खिलाफ बयान दिलवा देना, कभी चैनलों पर झगड़ा करवा देना। यह लोग समाज को बांटकर राजनीतिक लाभ कमाना चाहते हैं। इन पर लगाम तभी लगेगी जब यह सरकार हटेगी।

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बहराइच को लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  ने कहा कि सबसे पहले यह अपील है कि जो-जो पक्ष हैं। सभी लोग ऐसा काम करें जिससे कानून व्यवस्था बनी रहे। सरकार को न्याय करना चाहिए। एक चौकी इंचार्ज या कोई और छोटा अधिकारी हट जाए, उससे कानून व्यवस्था नहीं संभलेगी।

अखिलेश ने सवाल किया कि जब विसर्जन जुलूस निकलना था तो प्रशासन को उसका रूट पता होना चाहिए था। उस रूट पर सुरक्षा है या नहीं है, पर्याप्त पुलिस है या नहीं और लाउडस्पीकर पर क्या बजाया जा रहा है, कम से कम प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए था। यह देखना चाहिए था कि जो बज रहा है उससे किसी को अपमानित तो नहीं किया जा रहा है।

अखिलेश ने कहा कि बहराइच में ही नहीं बनारस में भी यही हुआ है। नाटी इमली के प्रसिद्ध भरत मिलाप में लीला देखने आए लोगों को पुलिस के कारण अपमानित होना पड़ा है। वहां 480 साल के इतिहास में पहली बार लाठियां चली हैं।

अखिलेश ने कहा कि लखीमपुर में लोगों ने देखा कि भाजपा विधायक को सभी के सामने पीट दिया गया। विधायक की एफआईआर नहीं दर्ज हो रही है। अखिलेश ने पूछा कि प्रशासन को खुद स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर नहीं दर्ज करनी चाहिए? क्या वहां के जिलाधिकारी पहली बार ऐसा तमाशा देख रहे हैं।

इससे पहले भी उन्होंने इस तरह की हरकतें देखी हैं। उन्होंने देखा है कि किस तरह से वहां पर्चे छीने गए थे। इससे पहले भी उन्होंने खुद समाजवादियों पर लाठी चलाई है। समाजवादियों को अपमानित किया है। क्या वहां के जिलाधिकारी तमाशा नहीं देख रहे थे। अब तो उन्हीं के विधायक को तमाचा पड़ गया है।

उन्होंने कहा कि एफआईआर (FIR) दर्ज करना कानूनी अधिकार है। सभी ने देखा कि विधायक जी की बहुत पिटाई हुई। केवल एक ने उन्हें नहीं मारा है। विधायक को कई लोगों ने मारा है। पुलिस ने भी मारा है। पुलिस ने भी उनका कपड़ा खींच लिया है। सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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