वाग्यदेवी देवी मां सरस्वती की पूजा सदियों से होती आ रही है। कला कौशल में निपुणता और सर्वोच्च सफलता प्राप्त करने के लिए देवी सरस्वती की आराधना की जाती है।
सरस्वती पूजन
03 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जायेगा।
पंचमी तिथि का आरंभ 02 फरवरी 2025 को सुबह 11:53 से आरंभ होगा।
पंचमी तिथि का समाप्ति 03 फरवरी 2025 को दोपहर 01:36 मिनट को समाप्त होगा।
रवि योग
इस साल 3 फरवरी को वसंत पंचमी 2 शुभ योग में है। वसंत पंचमी के दिन साध्य और रवि योग बन रहे हैं। रवि योग सुबह में 6 बजकर 40 मिनट से बनेगा, जो रात में 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वसंत पंचमी को प्रात:काल में साध्य योग बनेगा, जो 4 फरवरी को तड़के 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से शुभ योग रहेगा।
अश्विनी नक्षत्र
वसंत पंचमी के अवसर पर रेवती नक्षत्र है। रेवती नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 16 मिनट तक है। उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र है।
उपाय
1.बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता। हर वक्त पढ़ाई से जी चुराता है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को हरे रंग फल अर्पित करना चाहिए।
2. बच्चे के स्टडी रूम में माता सरस्वती का एक चित्र रखें और बच्चे को पढ़ाई करने से पहले नियमित रूप से माता को हाथ जोड़ कर प्रणाम करने के लिए कहें।
3. माता को पीले फूल, रोली, केसर अर्पित करें। हल्दी, चंदन और अक्षत अर्पित करें। माता को पीले फूल, रोली, केसर, हल्दी, चंदन और अक्षत अर्पित करें। यह सब सामग्री शुभ मानी जाती है और देवी को समर्पित की जाती है।
4. पीली मिठाई का भोग
अब देवी को पीली मिठाई का भोग (Bhog) लगाएं और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद देवी सरस्वती के मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप के बाद हाथों में दीपक लेकर देवी की आरती करें।