भुने हुए चने सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। मार्केट में कई तरह के भुने हुए चने मिलते है बिना छिलके वाले और नमक और मसाला लगे भुने चने। भुने चने में फाइभर, प्रोटीन, आयरन, फोलेट और एंटी ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते है।
भुने हुए चने सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। मार्केट में कई तरह के भुने हुए चने मिलते है बिना छिलके वाले और नमक और मसाला लगे भुने चने। भुने चने में फाइभर, प्रोटीन, आयरन, फोलेट और एंटी ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते है।
जो शरीर को रोगो से दूर रखता है। भुने चने की बढ़ती डिमांड को देखते हुए मुनाफाखोर भुने चनों में कुछ केमिकल्स का इस्तेमाल करते है। ऐसे में चनों का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए जब भी मार्केट में भुने चने खरीदनें जाएं तो कुछ बातों का ध्यान जरुर रखें।
अगर भुने हुए चने का रंग जरूरत से ज्यादा पीला लग रहा हो, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है। चने को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए मुनाफाखोर उसमें चमकीले पीले या दूसरे चटकीले रंग मिलाते
चनों का आकार अगर नॉर्मल चनों की तुलना में बहुत अधिक बड़ा हो तो यह भी मिलावट का संकेत हो सकता है। ज्यादा पीले और मोटे साइज के चने में हानिकारक रंग औरामीन की मिलावट की जाती है। ये एक नॉन परमिटेड सिंथेटिक कलर है। जो खाने योग्य नहीं होता है। धीरे-धीरे इस केमिकल के शरीर में प्रवेश करने से कैंसर सेल्स विकसित हो सकता है।
चनों को हाथ में लेने पर उनमें से सफेद रंग का पाउडर हाथ में लगना। बता दें, चने को ज्यादा चमकदार बनाने के लिए टैल्कम पाउडर या सोपस्टोन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
चने के स्वाद में बदलाव होना भी इसमें मिलावट का संकेत हो सकता है। चने की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उसमें नॉन फूड ग्रेड प्रीजर्वेटिव्स मिलाए जा सकते हैं।
बाजार से चने खरीदते समय उसके रंग का खासतौर पर ध्यान रखें। यदि चने का रंग ज्यादा पीला है, तो सावधानी बरतें। इसके अलावा बहुत अधिक फूले और मोटे चने भी खरीदने से बचें। ऐसे चने अकसर केमिकल युक्त होते हैं।