मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। शायद हमारी तपस्या में कमी रही। इस बात को पीएम मोदी के द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा गया।
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व(Prakash Parv) के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। शायद हमारी तपस्या में कमी रही। इस बात को पीएम मोदी के द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा गया। उन्होंने कहा कि हम इन कानूनों को लोकसभा के शीतकालीन सत्र में समाप्त कर देंगे। लेकिन किसानों के नेता और आंदोलन की जान रहे राकेश टीकैत ने किसानों(Former) को अभी घर जाने से मना किया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जब तक पूर्ण रुप से संसद में कानून रद्द न हो जाये तब तक वापस नहीं लौटना है। मोदी सरकार के इस कदम पर नेताओं के लगातार कमेंट्स आ रहे हैं। इसी कड़ी में शिवसेना सेना संजय राउत ने राकेश टिकैत(Rakesh Tikait) से कहा है कि उन्हें पीएम मोदी की बात पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि किसान इस देश का अन्नदाता है। आप उनके साथ इस तरह से बर्ताव नहीं कर सकते हैं। पीएम मोदी ने हमारी बात मान ली है। मैं उनका स्वागत और अभिनंदन करता हूं।
संजय ने आगे कहा है कि विपक्षी दलों की इस मुद्दे पर जो एकता रही है, वह आने वाले दिनों में गुल खिलाएगी। लखीमपुर खीरी(Lakhimpur Khiri) में कुचल दिया गया और हरियाणा में गोली चलाई गई। लेकिन किसान डटे रहे और अब सरकार को पीछे हटना पड़ा है। राकेश टिकैत के अब भी आंदोलन जारी रखने के सवाल पर संजय ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान पर विश्वास करना चाहिए। वापसी की बात तो अब औपचारिकता ही रह गई है। बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब मोदी सरकार को अपने कदम वापस लेने पड़े। इससे पहले केंद्र सरकार को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस लेना पड़ा था।