प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Bhauma Pradosh Vrat 2024 : प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे शिव धाम की प्राप्ति होती है। हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रख जाता है। अक्तूबर की 15 तारीख को पड़ने वाले प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त और विधि।
भौम प्रदोष व्रत शुभ योग
इस बार भौम प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। वृद्धि योग प्रात: काल से बनेगा जो दोपहर 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग, रवि योग औार सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेंगे।
भौम प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग 10 बजकर 8 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 16 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं रवि योग रात में 10:08 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 06:23 बजे तक रहेगा।
इसके अलावा पूर्व भाद्र पक्ष नक्षत्र है, जो सुबह 10 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। इसके बाद उत्तर भाद्रपद नक्षत्र शुरू होगा।
प्रदोष उपवास के नियम
व्रती तामसिक चीजों का सेवन न करें।
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें।
भगवान शिव की पूजा विधि अनुसार करें।
इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
व्रती नमक का सेवन न करें।
किसी के बारे में गलत विचार मन में न लाएं।
व्रत में सिर्फ फल और जल का ही सेवन करें।