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TRAI की नई गाइडलाइन से यूजर्स को बड़ा फायदा! नेटवर्क न होने पर टेलीकॉम कंपनियां देंगी मुआवजा

TRAI's New Guidelines: मोबाइल फोन व स्मार्टफोन यूजर्स को अक्सर नेटवर्क की समस्या सामना करना पड़ता है, कई बार तो घंटों तक यह समस्या बनी रहती है। लेकिन, अब ऐसा होने पर टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को यूजर्स को मुआवजा देने पड़ेगा। दरअसल, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई (TRAI) ने शुक्रवार को नए सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड नियम जारी किए हैं। जिसके तहत नेटवर्क न आने पर यूजर्स को मुआवजा मिलने वाला है। 

By Abhimanyu 
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TRAI’s New Guidelines: मोबाइल फोन व स्मार्टफोन यूजर्स को अक्सर नेटवर्क की समस्या सामना करना पड़ता है, कई बार तो घंटों तक यह समस्या बनी रहती है। लेकिन, अब ऐसा होने पर टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को यूजर्स को मुआवजा देने पड़ेगा। दरअसल, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई (TRAI) ने शुक्रवार को नए सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड नियम जारी किए हैं। जिसके तहत नेटवर्क न आने पर यूजर्स को मुआवजा मिलने वाला है।

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जानकारी के मुताबिक, ट्राई (TRAI) ने शुक्रवार को जारी किए गए नए सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड नियमों के तहत स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने की स्थिति में टेलीकॉम ऑपरेटरों (Telecom Operators) को यूजर्स को मुआवजा देना होगा। ट्राई के नए नियम छह महीने बाद लागू होंगे। नए नियमों के तहत हर एक क्वालिटी स्टैंडर्ड (Quality Standard) को पूरा न करने पर जुर्माने की राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। नियमों के उल्लंघन पर टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को ये जुर्माना भरना पड़ेगा।

ट्राई ने संशोधित नियमों सेवा की गुणवत्ता के मानक (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा विनियम, 2024″ के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों के लिए 1 लाख रुपये, 2 लाख रुपये, 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये की कैटेगरी के हिसाब से नई प्रणाली शुरू की है। नए मानदंड तीन अलग-अलग विनियमों बुनियादी और सेलुलर मोबाइल सेवाओं, ब्रॉडबैंड सेवाओं और ब्रॉडबैंड वायरलेस सेवाओं के लिए सेवा की गुणवत्ता (QOS) की जगह लेते हैं।

यूजर्स को मिलेगा मुआवजा

नए नियमों के अनुसार, किसी जिले में नेटवर्क आउटेज (Network Outage) की स्थिति में टेलीकॉम ऑपरेटरों (Telecom Operators) को पोस्टपेड यूजर्स (Postpaid Users) के लिए रेंट में छूट प्रदान करनी होगी। जबकि प्रीपेड यूजर्स (Prepaid Users) के लिए कनेक्शन की वैलिडिटी बढ़ानी होगी। ट्राई ने कहा कि अगर कोई जरूरी नेटवर्क आउटेज 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो सर्विस ऑपरेटर अगले बिलिंग साइकिल में प्रभावित जिले में रजिस्टर्ड पोस्टपेड यूजर्स को सर्विस आउटेज के वास्तविक दिनों की संख्या के लिए सब्सक्राइब्ड टैरिफ ऑफरिंग के अनुसार आनुपातिक रेंट में छूट प्रदान करेगा। रेगुलेटरी रेंट में छूट या वैधता के विस्तार की गणना के लिए कैलेंडर दिवस में 12 घंटे से अधिक की नेटवर्क आउटेज अवधि को एक पूर्ण दिन के रूप में गिनेगा। टेलीकॉम ऑपरेटरों को सर्विस को ठीक करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया जाएगा।

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