पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi assassination) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। करीब 31 सालों से एजी पेरारिवलन जेल में बंद थे।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi assassination) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है। करीब 31 सालों से एजी पेरारिवलन जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में दी गई अपनी याचिका में पेरारिवलन ने कहा था कि तमिलनाडु सरकार ने उसे रिहा करने का निणर्य लिया था लेकिन राज्यपाल ने अपने पास काफी दिनों तक फाइल को रोक दिया। इसके बाद फाइल को राष्ट्रपति को भेज दिया था।
यह संविधान के खिलाफ है। 11 मई को हुई सुनवाई में केंद्र ने पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ को बताया था कि दोषी ठहराए गए शख्स की सजा में छूट, माफी और दया याचिका के संबंध में राष्ट्रपति ही केवल फैसला कर सकते हैं।
इस पर, सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने केंद्र से सवाल किया था कि अगर इस दलील को स्वीकार कर लिया जाता है तो राज्यपालों की ओर से दी गई अब तक की छूट अमान्य हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर राज्यपाल पेरारिवलन के मुद्दे पर राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश को मानने को तैयार नहीं हैं तो उन्हें फाइल को पुनर्विचार के लिए वापस मंत्रिमंडल में भेज देना चाहिए था। पेरारिवलन हत्याकांड के समय 19 साल का था। वह 31 सालों से जेल में बंद है।