छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले (Bilaspur District) में बीते मंगलवार को भीषण रेल हादसे (Horrific Train Accident) में लोको पायलट (Loco Pilot) समेत 11 लोगों की मौत हो गई। वहीं कई यात्री घायल बताए जा रहे हैं। हादसा इतना भीषण था कि पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई थी। भीषण ट्रेन हादसे (Horrific Train Accident) के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतना बड़ा हादसा हुआ कैसे?
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले (Bilaspur District) में बीते मंगलवार को भीषण रेल हादसे (Horrific Train Accident) में लोको पायलट (Loco Pilot) समेत 11 लोगों की मौत हो गई। वहीं कई यात्री घायल बताए जा रहे हैं। हादसा इतना भीषण था कि पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई थी। भीषण ट्रेन हादसे (Horrific Train Accident) के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतना बड़ा हादसा हुआ कैसे?
रेलवे विशेषज्ञों के तरफ से की गई घटना की प्रारंभिक जांच के मुताबिक खड़ी मालगाड़ी से टकराने वाली यात्री ट्रेन का चालक दल रेड सिग्नल पर उसे नियंत्रित करने में विफल रहा। शुरुआती जांच में बताया गया कि ट्रेन का चालक दल खतरे के सिग्नल संख्या एजे-पांच (AJ-5) पर ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहा और मालगाड़ी से टकरा गया। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि ट्रेन का चालक दल सही समय और सही स्थिति में ट्रेन को नियंत्रित न करने करने के लिए जिम्मेदार है।रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेन लाल सिग्नल को पार कर गई और दोपहर 3:50 बजे अगले लाल सिग्नल (Red Signal) पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।
जांच रिपोर्ट पांच विशेषज्ञों के तरफ से तैयार की गई थी। हालांकि केवल तीन ने ही इस पर हस्ताक्षर किए हैं। सिग्नल और दूरसंचार विभाग (Signal and Telecommunications Department) के अधिकारी ने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। रिपोर्ट में गेवरा स्टेशन मास्टर (Gevra Station Master) का एक बयान भी शामिल है, जिन्होंने कहा कि मेमू ट्रेन के रवाना होने के बाद, उन्हें वीएचएफ संचार (VHF Communication) पर गार्ड से एक संदेश मिला जिसमें टक्कर होने के कारण एम्बुलेंस बुलाने का अनुरोध किया गया था। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (Railway Safety Commissioner) अब दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे और एक विस्तृत रिपोर्ट देंगे।