वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल जारी है। हालांकि, मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में है और दो दिन इस पर सुनवाई की गई है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) ने बड़ा बयान दिया।
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल जारी है। हालांकि, मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में है और दो दिन इस पर सुनवाई की गई है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ‘कानून अगर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ही बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए।’ निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) के इस बयान पर एक ओर जहां राजनीति तेज हो गई है, वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक वकील ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की है।
अवमानना की कार्रवाई की मांग
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के बारे में विवादास्पद बयान को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ कोर्ट से अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वकील अनस तनवीर ने अवमानना की कार्रवाई के लिए एटॉर्नी जनरल की सहमति मांगी है। गौरतलब है कि कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की कार्रवाई के लिए एटॉर्नी जनरल की पहले सहमति की जरूरत होती है। बता दें कि वकील अनस तनवीर वहीं हैं जिन्होंने बिहार से कांग्रेस सांसद मो. जावेद की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वक्फ संसोधन अधिनियम के खिलाफ दलील देन के लिए पेश हुए थे।
जानें क्या कहा था निशिकांत दुबे ने?
झारखंड की गोड्डा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने एक्स पर लिखा था, कि कानून यदि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए। निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) यहीं नहीं रुके, उन्होंने देश में हो रहे सिविल वॉर के लिए सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) को जिम्मेदार बताया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वक्फ कानून पर सुनवाई से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister Kiren Rijiju) ने कहा था कि मुझे पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) विधायी मामले में दखल नहीं देगा। हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। अगर कल सरकार न्यायपालिका में दखल देती है तो अच्छा नहीं होगा। शक्तियों का बंटवारा अच्छी तरह से परिभाषित है, इसलिए विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
निशिकांत दुबे पर जयराम रमेश का पलटवार
वहीं, निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को जो अधिकार संविधान देता है, उसको कमजोर करने में लगे हुए हैं। संवैधानिक पदाधिकारी, मंत्री और भाजपा के सांसद भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के खिलाफ बोलने में लगे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) एक ही बात कह रहा है कि जब आप कानून बना रहे हैं तो संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ मत जाइए। अगर यह संविधान के खिलाफ है तो इस कानून को हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से स्वतंत्र हो : जयराम रमेश
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष हो। जो अधिकार संविधान ने दिया है, उसका पूरा सम्मान करना चाहिए, लेकिन जानबूझकर अलग-अलग आवाज आ रही है और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को निशाना बनाया जा रहा है। जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा जानबूझकर संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बना रही है। ईडी का गलत इस्तेमाल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को कमजोर करना और धार्मिक ध्रुवीकरण, ये सब लोगों के ध्यान को असली मुद्दों से भटकाने की साजिश है।