बिहार के पूर्व विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद (Former Science and Technology Minister of Bihar Brij Bihari Prasad) हत्याकांड मामले की गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा पूर्व सांसद सूरजभान सिंह (Former MP Suraj Bhan Singh) और राजन तिवारी सहित 6 की रिहाई के आदेश को बरकरार रखा है।
पटना। बिहार के पूर्व विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद (Former Science and Technology Minister of Bihar Brij Bihari Prasad) हत्याकांड मामले की गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा पूर्व सांसद सूरजभान सिंह (Former MP Suraj Bhan Singh) और राजन तिवारी सहित 6 की रिहाई के आदेश को बरकरार रखा है। बता दें कि पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सबूतों के अभाव में विजय शुक्ला और सूरजभान सिंह सहित 8 लोगों को बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सूरजभान सिंह सहित 6 आरोपियों को बरी किया है। पूर्व सांसद रमा देवी (Former MP Rama Devi)और सीबीआई (CBI) की अपील पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। साल 2014 में ये सभी आरोपी हाईकोर्ट से बरी हुए थे।
बता दें कि 1998 में बृज बिहारी की हत्या कर दी गई थी। साल 1998 में जब पूर्व मंत्री बिहारी प्रसाद (Former minister Bihari Prasad) अपने इलाज के लिए पटना के आईजीआईएमएस (IGIMS) में भर्ती थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उनकी पत्नी और बीजेपी नेता रामा देवी (BJP leader Rama Devi) के अलावा सीबीआई (CBI) ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी। बीते 21 और 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के तीन जजों की बेंच ने सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रख लिया था। साल 2009 में निचली अदालत ने इस हत्याकांड के 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बता दें कि हमलावरों ने बृज बिहारी की सुरक्षा में तैनात तीन कमांडो और एक निजी बॉडीगार्ड को भी मार डाला था। उत्तर प्रदेश का चर्चित शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला इस हत्या में शामिल था, जिसे उस वक्त सूरभान सिंह का शूटर माना जाता था। बृज बिहारी प्रसाद ( Bihari Prasadकी हत्या के अगले दिन पूर्णिया में सीपीएम के विधायक अजित सरकार की भी हत्या हो गई थी। उस हत्या में भी राजन तिवारी का नाम आया था। राजन के साथ सांसद पप्पू यादव भी आरोपी बनाए गए थे। हाईकोर्ट ने पप्पू यादव और राजन तिवारी को साल 2013 में बरी कर दिया था।