वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार अंतरिम बजट 2024 पेश किया है। चुनावी साल को देखते हुए साल ने अंतरिम बजट में भी महिलाओं, मध्यम वर्ग और करदाताओं के लिए कई बड़े एलान किए हैं। बजट पेश किए जाने के बाद विपक्षी नेताओं की तरफ से इसकी आलोचना की जा रही है, जबकि सत्तापक्ष के नेता इस बजट की सराहना कर रहे हैं।
Budget 2024 वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार अंतरिम बजट 2024 पेश किया है। चुनावी साल को देखते हुए साल ने अंतरिम बजट में भी महिलाओं, मध्यम वर्ग और करदाताओं के लिए कई बड़े एलान किए हैं। बजट पेश किए जाने के बाद विपक्षी नेताओं की तरफ से इसकी आलोचना की जा रही है, जबकि सत्तापक्ष के नेता इस बजट की सराहना कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अंतरिम बजट की सराहाना की है। उन्होंने कहा कि, यह एक ऐतिहासिक बजट है जो पूर्ण रूप से परिलक्षित करता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित, आत्मनिर्भर, विश्व गुरु बनने के लक्ष्य के प्रति गति के साथ आगे बढ़ चुका है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान ने अंतरिम बजट की तारीफ करते हुए कहा कि, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके लिए प्रयास के साथ आने वाले दिनों में जब हम विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं ऐसे में यह बजट उसके लिए एक प्रारंभिक प्रयास है।
इस बजट में दिख रहा अहंकार
इस मामले में शिरोमणी अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि, मुझे इस बजट में एक अहंकार नजर आ रहा था कि ‘हम जुलाई में बजट पेश करेंगे’। आप किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं ले सकते। आज आपके पास मौका था कि पिछले 10 सालों में किए गए वादों को पूरा करें न कि जनता को और सपने दिखाएं।
कहने और करने में होगा अंतर
इस बजट को लेकर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मोदी सरकार पर निशाना सधा है। उन्होंने कहा कि, कहने और करने में जमीन-आसमान का अंतर है, यही हम 10 साल से देख रहे हैं। इसमें गरीबों, महिला, युवा के लिए कुछ नहीं है। इस बजट ने आम जनता की उम्मीदों पर ठंडे मौसम में ठंडा पानी डालने का काम किया है।
बजट पर स्वाति मालीवाल ने उठाया सवाल
इस बजट पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि, देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम सीमा पर है लेकिन इस बजट में कुछ नहीं बताया गया कि सरकार क्या कदम उठाएगी जिससे बेरोजगारी और महंगाई से लड़ा जा सके।