दो महीने से पीथमपुर (Pithampur) में रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी (पूर्व में रामकी) परिसर में 12 कंटेनर में भोपाल से लाकर रखे गए 337 टन कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। अब 74 घंटे तक सतत प्रक्रिया चलेगी। 30 टन कचरे को अगले दो सप्ताह में अलग-अलग मात्रा में जलाया जाएगा।
इंदौर। दो महीने से पीथमपुर (Pithampur) में रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी (पूर्व में रामकी) परिसर में 12 कंटेनर में भोपाल से लाकर रखे गए 337 टन कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। अब 74 घंटे तक सतत प्रक्रिया चलेगी। 30 टन कचरे को अगले दो सप्ताह में अलग-अलग मात्रा में जलाया जाएगा।
इसके प्रभाव की रिपोर्ट 27 मार्च के पूर्व हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। वर्ष 2015 में भी पीथमपुर (Pithampur) के इसी संयंत्र में 10 टन जहरीला कचरा जलाकर ट्रायल रन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद कचरे को जलाने पर प्रशासनिक अफसरों ने निर्णय लिया। पीथमपुर (Pithampur) रामकी परिसर के बाहर अब भी पुलिस बल तैनात है। क्षेत्र में शांति बनी हुई है।
यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा (Union Carbide’s Toxic Waste) धार जिले के पीथमपुर (Pithampur) में ही जलेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कचरा जलाने पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार के उस जवाब को भी रिकार्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। जवाब में कचरा जलाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, सावधानियां व हादसे की आशंका के चलते व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई।
भोपाल : मध्यप्रदेश से अक्षय की रिपोर्ट