चैती छठ को लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है। चैत्र माह में मनाए जाने वाले छठ को चैती छठ कहते हैं। सूर्य देव की उपासना का यह पर्व संतान की सुख-समृद्धि, दीर्घायु और परिवार की खुशहाली के लिए रखा जाता है।
Chaiti Chhath 2025 : चैती छठ को लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है। चैत्र माह में मनाए जाने वाले छठ को चैती छठ कहते हैं। सूर्य देव की उपासना का यह पर्व संतान की सुख-समृद्धि, दीर्घायु और परिवार की खुशहाली के लिए रखा जाता है। चार दिन के इस महापर्व की शुरुआत चैत्र में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और सप्तमी तिथि तक चलती है। पहले दिन चतुर्थी तिथि का नहाय खाय के साथ छठ पूजा शुरू होता है। इसके अगले दिन पंचमी को खरना होता है और षष्ठी और सप्तमी को डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ करने वाले व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखते हैं और छठ माता व सूर्य देव से अपने परिवार के लिए आरोग्य और सफलता की कामना (Kyo Karte Hai Chhath) करते हैं।
चैती छठ का महापर्व इस बार 1 अप्रैल से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा।
पहला दिन (नहाय-खाय) – इस दिन व्रति शुद्ध आहार ग्रहण कर अपने व्रत की शुरुआत करते हैं।
दूसरा दिन (खरना) – शाम को विशेष प्रसाद का सेवन किया जाता है, जिसमें गुड़ और चावल की खीर का विशेष महत्व होता है.
तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य) – इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।
चौथा दिन (उषा अर्घ्य) – उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का समापन होता है।
चैती छठ 2025: तिथियां और मुहूर्त
1 अप्रैल 2025 – नहाय-खाय (व्रत की शुरुआत)
2 अप्रैल 2025 – खरना (विशेष प्रसाद ग्रहण)
3 अप्रैल 2025 – संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
4 अप्रैल 2025 – उषा अर्घ्य (उगते सूर्य को अर्घ्य और व्रत समाप्त)
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, छठ महापर्व के दौरान व्रति 36 घंटे तक बिना अन्न और जल के उपवास करती हैं। इस पर्व के अवसर पर, यदि व्रति पूरी श्रद्धा और शुद्ध मन से भगवान सूर्य को अपनी इच्छाओं के साथ अर्घ्य अर्पित करती हैं