प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम अब बदल गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अब 'सेवा तीर्थ' के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही केंद्रीय सचिवालय के नाम को भी बदल दिया गया है। सचिवायल का नाम बदलकर अब कर्तव्य भवन कर दिया गया है। इनके साथ ही देशभर के राज भवनों के नाम को बदल दिया गया है। अब इनका नाम लोकभवन कर दिया गया है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम अब बदल गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अब ‘सेवा तीर्थ’ के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही केंद्रीय सचिवालय के नाम को भी बदल दिया गया है। सचिवायल का नाम बदलकर अब कर्तव्य भवन कर दिया गया है। इनके साथ ही देशभर के राज भवनों के नाम को बदल दिया गया है। अब इनका नाम लोकभवन कर दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। साथ ही, नए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) परिसर को ‘सेवा तीर्थ’ नाम दिया गया है। इस नाम के साथ संदेश भी स्पष्ट है कि सेवा का पवित्र स्थान। नाम ही बता रहा है कि यह भवन अब सत्ता के प्रदर्शन का नहीं, बल्कि जनसेवा के संकल्प का प्रतीक बनेगा।
बता दें कि, मोदी सरकार के पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में अनेक स्थानों, सड़कों और संस्थानों के नाम बदले गए हैं। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण राजपथ का है, जिसका नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया गया। दरअसल, राजपथ शब्द में राजशाही और शक्ति का बोध था, जबकि कर्तव्य पथ स्पष्ट रूप से बताता है कि सत्ता कोई अधिकार या विलासिता नहीं, बल्कि कर्तव्य और जन-सेवा का मार्ग है।