बिहार में आयुष डॉक्टरों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह (Appointment Letter Distribution Ceremony) के दौरान सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) द्वारा महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत प्रवीन (Dr. Nusrat Praveen) का हिजाब खींचने का मामला देश में चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना के बाद से पूरे देश में नेताओं के अलग-अलग तरह के बयान आ रहे हैं।
रांची। बिहार में आयुष डॉक्टरों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह (Appointment Letter Distribution Ceremony) के दौरान सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) द्वारा महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत प्रवीन (Dr. Nusrat Praveen) का हिजाब खींचने का मामला देश में चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना के बाद से पूरे देश में नेताओं के अलग-अलग तरह के बयान आ रहे हैं। इस घटना को संविधान और महिलाओं की गरिमा पर हमला बताते हुए विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। वहीं, बताया जा रहा है कि घटना के बाद डॉ. नुसरत काफी आहत हुईं और बिहार छोड़कर कोलकाता चली गईं। शुरुआत में खबरें आईं कि वे बिहार सरकार की नौकरी जॉइन नहीं करेंगी, हालांकि बाद में कॉलेज प्रिंसिपल ने दावा किया कि वे 20 दिसंबर को ड्यूटी जॉइन कर सकती हैं।
300000 महीने की नौकरी का मिला ऑफर
अब इस पूरे मामले में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार (Jharkhand’s Hemant Soren Government) ने डॉ. नुसरत के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी (Jharkhand Health Minister Dr. Irfan Ansari) ने सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि डॉ. नुसरत प्रवीन (Dr. Nusrat Praveen) को झारखंड में सरकारी नौकरी का खुला ऑफर दिया जा रहा है। इस ऑफर में उन्हें ₹300000 मासिक वेतन, मनचाही पोस्टिंग, सरकारी फ्लैट, पूर्ण सुरक्षा और सम्मानजनक कार्य वातावरण का भरोसा दिया है।
झारखंड में महागठबंधन की सरकार का बड़ा और ऐतिहासिक फैसला
बिहार में महिला डॉक्टर डॉ. नुसरत प्रवीण के साथ हुई अमानवीय और शर्मनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया।
हिजाब खींचना सिर्फ एक महिला का नहीं, संविधान और इंसानियत का अपमान है।पढ़ें :- हिजाब विवाद: नीतीश कुमार पर आगबबूला हुए जावेद अख्तर, बोले- बिना शर्त उस महिला से मांगे माफी
झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री आदरणीय हेमंत सोरेन… pic.twitter.com/f2mPl3F0Im
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) December 19, 2025
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी (Jharkhand Health Minister Irfan Ansari) ने अपने पोस्ट में लिखा कि ‘यह फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के नेतृत्व में लिया गया है, जो स्पष्ट संदेश देता है कि झारखंड में बेटियों और डॉक्टरों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे ‘सम्मान की जीत’ करार देते हुए कहा कि जहां अपमान हुआ। वहां झारखंड ने इंसानियत की मिसाल पेश की है’।
उन्होंने लिखा कि यह ऑफर न केवल डॉ. नुसरत के लिए सम्मानजनक विकल्प है, बल्कि महिलाओं की गरिमा, धार्मिक स्वतंत्रता और पेशेवर सुरक्षा पर एक मजबूत राजनीतिक बयान भी है। झारखंड सरकार (Jharkhand Government) का यह कदम देशभर में सराहा जा रहा है। इसे महिलाओं के सम्मान की रक्षा की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। फिलहाल डॉ. नुसरत की ओर से इस ऑफर पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह घटना राजनीतिक बहस को नई दिशा दे रही है।