मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में पहली बार फरवरी-मार्च के स्थान पर नवरात्र (सितंबर माह) में छात्रवृत्ति वितरण समारोह के अंतर्गत 3,96,602 छात्र-छात्राओं को ₹89.96 करोड़ की धनराशि का हस्तांतरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, हम लोगों ने 2025-26 में वंचित वर्गों को ₹2,825 करोड़ की छात्रवृत्ति अब तक वितरित की है। छात्रवृत्ति DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थी के अकाउंट में जा रही है।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में पहली बार फरवरी-मार्च के स्थान पर नवरात्र (सितंबर माह) में छात्रवृत्ति वितरण समारोह के अंतर्गत 3,96,602 छात्र-छात्राओं को ₹89.96 करोड़ की धनराशि का हस्तांतरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, हम लोगों ने 2025-26 में वंचित वर्गों को ₹2,825 करोड़ की छात्रवृत्ति अब तक वितरित की है। छात्रवृत्ति DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थी के अकाउंट में जा रही है। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से आने वाले समय में ‘वन नेशन-वन स्कॉलरशिप’ की व्यवस्था होने जा रही है।
उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह व्यवस्था कर दी है…अब आने वाले समय में One Nation, One Scholarship की व्यवस्था, यानि एक साथ स्कॉलरशिप, एक क्लिक से छात्र के स्कूल में एडमिशन लेते ही, जैसे ही पोर्टल के माध्यम से आएगा कि छात्र ने एडमिशन ले लिया, छात्रवृत्ति उसके अकाउंट में पहुंच जाएगी। शिक्षा ही वह माध्यम है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को साकार करने में सहायक हो सकती है।
सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षा की एक बड़ी भूमिका है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के यशस्वी नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में वंचितों को स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था के साथ जोड़कर उत्तम और बेहतरीन शिक्षा के माध्यम से उनके विकास का मार्ग… pic.twitter.com/1R35AXjo3Y
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 26, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा, बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी कोटि-कोटि वंचितों, दलितों, पिछड़ों और समाज के हर तबके के लिए एक मार्गदर्शक हैं। भारत के संविधान निर्माण से लेकर के, उनके उस समय के भाषण, उनकी बातें आज भी कहीं कोई शोषित है, वंचित है, ऐसे लोगों के लिए नई प्रेरणा हैं, नया प्रकाश है। हर व्यक्ति में सामर्थ्य है, शक्ति है, हुनर है…उसके लिए प्लेटफॉर्म देना शिक्षण संस्थानों का काम होना चाहिए और संस्थानों को सपोर्ट करने का काम सरकार का होना चाहिए। यह सब मिलकर के काम करेंगे तो हम एक बेहतर भविष्य को और बेहतर बनाने में सफल हो सकते हैं।