जल संरक्षण को लेकर शुरू हुए इस व्यापक अभियान के तहत प्रदेशभर में एक महीने के भीतर 31 हजार 857 खेत तालाब और 8202 से अधिक जल इकाइयों का संरक्षण किया गया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर मध्यप्रदेश में शुरू किया गया जल गंगा संवर्धन अभियान अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। जल संरक्षण को लेकर शुरू हुए इस व्यापक अभियान के तहत प्रदेशभर में एक महीने के भीतर 31 हजार 857 खेत तालाब और 8202 से अधिक जल इकाइयों का संरक्षण किया गया है।
30 मार्च से शुरू हुआ यह अभियान 30 जून तक चलेगा, जिसका उद्देश्य न केवल जल स्रोतों को पुर्नजीवित करना है, बल्कि समाज में जल संरक्षण को लेकर स्थायी जागरूकता भी लाना है। अभियान के तहत सरकार ने 70 हजार पारंपरिक जल स्रोतों जैसे कुएं, तालाब, बावडिय़ों को सुधारने का लक्ष्य रखा है। अब तक 34 हजार 171 कुएं रिचार्ज हो चुके हैं, जबकि 932 अमृत सरोवरों का संरक्षण कार्य पूरा किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं से जुड़ा अभियान बताते हुए इसे जनभागीदारी से सफल बनाने की अपील की है। उन्होंने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को अभियान की निगरानी का जिम्मा सौंपा है।
जन सहभागिता से संचालित इस अभियान में लोग श्रमदान, रैली, जनजागरण, पौधरोपण, और रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी गतिविधियों में बढ़-चढक़र भाग ले रहे हैं। जिला प्रशासन नदियों के किनारे देशी प्रजातियों के पौधे रोप कर भूजल स्तर बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।सरकार ने आधुनिक तकनीकों का भी सहारा लिया है—ड्रोन सर्वेक्षण, ट्रैकिंग, वैज्ञानिक मैपिंग, और डिजिटल मूल्यांकन जैसे कदमों से कार्यों की निगरानी की जा रही है। अभियान के प्रभावी परिणाम दिखने लगे हैं। जल स्तर में वृद्धि, मिट्टी की नमी में सुधार और हरियाली बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। यह अभियान न सिर्फ जल संकट को दूर करेगा, बल्कि समाज में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी मजबूत करेगा।
इस अभियान का उद्देश्य राज्य के जल स्रोतों, नदियों तालाबों, झीलों, पुराने कुओं, बावड़ीयों और जल-धाराओं को फिर से जीवित करना है। जीवित करने के बाद इन स्रोतों की देखरेख और संरक्षण किया जाएगा। सरकार ने इन सभी स्रोतों को जीवित करने, सफाई, सीमांकन करने के लिए जनभागीदारी का भी सहारा लिया है। लोग बड़ी संख्या में श्रमदान कर पानी को बचाने की कोशिश में जुटे हुए है। जिला प्रशासन विशेष रूप से नदियों के किनारे देशी प्रजातियों के पौधे रोप रहा है। इससे जमीन के नीचे जल स्तर बढ़ रहा है और मिट्टी को नुकसान से बचाया जा रहा है। प्रदेश की मोहन सरकार जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल दीप यात्राए जल संकल्प कार्यक्रम, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित कर रही है। इनके माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है और उनके बीच जल संरक्षण का संदेश भी पहुंचाया जा रहा है। अभियान के एक महीने के अंदर ही हजारों जल स्रोत पुर्नजीवित होने लगे हैं। अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने डिजिटल मॉनिटरिंग और मूल्यांकन प्रणाली की व्यवस्था की है। सभी गतिविधियों की जीआईएस ट्रैकिंग और इंपैक्ट वैल्यूएशन किया जा रहा है।