कांग्रेस में शामिल होने के बाद जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर उनकी पिछली पार्टी सीपीआई ने व्यंग के जरीये कड़ा प्रहार किया है। पार्टी ने कहा है कि कन्हैया का शुरु से ही कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई आस्था नहीं थी।
नई दिल्ली। कांग्रेस में शामिल होने के बाद जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर उनकी पिछली पार्टी सीपीआई(CPI) ने व्यंग के जरीये कड़ा प्रहार किया है। पार्टी ने कहा है कि कन्हैया का शुरु से ही कम्युनिस्ट(COMUNIST) विचारधारा में कोई आस्था नहीं थी। इसलिए उन्होंने अपनी ही विचारधारा से किनारा कर लिया। वहीं, सीपीआई नेता बिनय विश्वम ने कन्हैया के द्वारा उठाये गये इस कदम को पार्टी से किया गया विश्वासघात बताया है।
उन्होंने कहा कि लाल झंडे के साथ किये गये धोखे के कारण आज उनकी मां रो रही होंगी। पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि उनके रहने ना रहने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। पार्टी जब वो नहीं थे तब भी थी जब नहीं रहेंगे तब भी पार्टी रहेगी। आपको बता दें कि कन्हैया ने सीपीआई की टिकट(TICKET) पर साल 2019 का आम चुनाव अपने गृह क्षेत्र बेगुसराय से लड़ा था। हालांकि,इस चुनाव(ELECTION) में वह बीजेपी नेता गिरिराज सिंह से हार गए थे। कल उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में गुजरात के दलित नेता जिगनेश मेवाणी के साथ कन्हैया कुमार ने भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता(MEMBERSHIP) ले ली।