सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री (Supreme Court Registry) द्वारा बीजेपी एमपी डॉ निशिकांत दुबे (BJP MP Dr. Nishikant Dubey) के खिलाफ क्रिमिनल कंटेंप्ट याचिका दर्ज की गई।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री (Supreme Court Registry) द्वारा बीजेपी एमपी डॉ निशिकांत दुबे (BJP MP Dr. Nishikant Dubey) के खिलाफ क्रिमिनल कंटेंप्ट याचिका दर्ज (Criminal contempt petition filed) की गई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की रजिस्ट्री ने पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर (Azad Adhikar Sena National President Amitabh Thakur) द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गोड्डा, झारखंड के भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे (BJP MP Dr. Nishikant Dubey) के खिलाफ दायर क्रिमिनल कंटेंट याचिका को प्राथमिक स्तर पर स्वीकार कर उसे डायरी संख्या 21177/2025 के रूप में दर्ज कर लिया है।
अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने अपनी याचिका में कहा कि डॉ. निशिकांत दुबे ने एक मीडिया इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जुड़ी तमाम टिप्पणियां की थी। इनमें कई ऐसी बातें थीं जो कोर्ट के क्रियाकलापों के प्रति एकेडमिक टिप्पणी के रूप में देखी जा सकती है, किंतु इसके विपरीत कई टिप्पणियां स्पष्ट रूप से अवमानना पूर्ण थी। इनमें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तथा मौजूदा चीफ जस्टिस को देश के सभी गृह युद्ध तथा धार्मिक युद्धों के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने का आरोप शामिल है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से डॉ निशिकांत दुबे के विरुद्ध कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट (Contempt of Court) एक्ट में नियमानुसार कार्रवाई किए जाने की प्रार्थना की है।
बीजेपी सांसद ने क्या कहा?
बीजेपी सांसद दुबे ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट सारे फैसले लेता है तो संसद को बंद कर देना चाहिए। शीर्ष अदालत का एक ही उद्देश्य है, मुझे चेहरा दिखाओ और मैं तुम्हें कानून दिखाऊंगा। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से परे जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है तो संसद और राज्य विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Dr. Nishikant Dubey) और दिनेश शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को निशाना बनाकर की गई टिप्पणियों पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला था। एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गोड्डा के सांसद पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अदालतों को धमकाने वालों को रोकना चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केंद्र पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, बीजेपी ने निशिकांत दुबे की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है। उन्हें व्यक्तिगत बयान करार दिया था, जिसे पार्टी पूरी तरह से खारिज करती है। बीजेपी नेताओं के एक वर्ग की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की आलोचना ऐतिहासिक फैसले के हफ्तों बाद हुई है, जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए दूसरी बार विधायिका द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने के लिए प्रभावी रूप से तीन महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है।