प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है, ये 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है। उनके सामर्थ्य और आकांक्षाओं का सम्मान है। ये हमारे देश के सांस्कृतिक भाईचारे और "वसुधैव कुटुंबकम" की विचारधारा का सम्मान है। मैं ये सम्मान भारत और Cyprus के मैत्रीपूर्ण संबंधों को, हमारे साझा मूल्यों को समर्पित करता हूं। सभी भारतीयों की तरफ से मैं ये सम्मान अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता से स्वीकार करता हूं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। यह सम्मान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक नेतृत्व में उनके योगदान के लिए दिया गया है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है, ये 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है। उनके सामर्थ्य और आकांक्षाओं का सम्मान है। ये हमारे देश के सांस्कृतिक भाईचारे और “वसुधैव कुटुंबकम” की विचारधारा का सम्मान है। मैं ये सम्मान भारत और Cyprus के मैत्रीपूर्ण संबंधों को, हमारे साझा मूल्यों को समर्पित करता हूं। सभी भारतीयों की तरफ से मैं ये सम्मान अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता से स्वीकार करता हूं।
उन्होंने आगे कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी सक्रिय साझेदारी आने वाले समय में नई ऊंचाइयां छुएगी। हम मिलकर न केवल अपने देशों के विकास को मजबूत करेंगे, बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक वातावरण के निर्माण के लिए मिलकर योगदान देंगे।
बता दें कि, इससे पहले मार्च में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से सम्मानित किया था। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके योगदान के लिए दिया गया था। मोदी इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं। यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार था, जो प्रधानमंत्री मोदी को किसी अन्य देश द्वारा दिया गया है। इसके बाद अप्रैल में श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान’ से सम्मानित किया था। श्रीलंका की सरकार यह सम्मान उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों को देती है, जिनके श्रीलंका के साथ अच्छे संबंध होते हैं।