कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी की तरफ से लगातार इस गिरफ्तारी का विरोध किया जा रहा है। शनिवार को केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी मात्र 4 बयान के आधार पर हुई।
नई दिल्ली। कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी की तरफ से लगातार इस गिरफ्तारी का विरोध किया जा रहा है। शनिवार को केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी मात्र 4 बयान के आधार पर हुई।
आतिशी ने कहा कि, C Arvind का बयान: जो मनीष सिसोदिया जी के सेक्रेटरी थे कि उन्हें Excise policy से जुड़े काग़ज़ पकड़ाये…इनका बयान कहीं नहीं कहता कि अरविंद केजरीवाल जी ने पैसे लिये या पैसे का लेन-देन हुआ। दूसरा शरथ चंद्र रेड्डी: जिसने गिरफ़्तारी के बाद BJP को Electoral Bond के ज़रिए ₹55 करोड़ का चंदा दिया।
साथ ही कहा, राघव मगुंटा रेड्डी-एम श्रीनिवासुलु रेड्डी: सांसद MSR ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी से मिले, अपने Trust के लिए ज़मीन मांगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, ज़मीन LG के अधीन हैं वो LG साहब को बतायेंगे। उसके बाद से पिता-पुत्र कभी अरविंद केजरीवाल जी से नहीं मिले।
आतिशी ने आगे कहा कि, ED को जब तक अरविंद केजरीवाल जी के ख़िलाफ़ Statement नहीं मिलती वो हर गवाह को प्रताड़ित करते हैं। पिता-पुत्र को भी ऐसे ही प्रताड़ित किया जाता है और राघव मगुंटा को 5 महीने जेल में रखा जाता है। जैसे ही एम श्रीनिवासुलु रेड्डी और राघव मगुंटा टूट जाते हैं और अरविंद केजरीवाल जी के ख़िलाफ़ स्टेटमेंट देते हैं, राघव को 18 July को जमानत मिल जाती है। ED गवाहों को तब तक प्रताड़ित करती है जब तक वो टूट कर केजरीवाल जी के ख़िलाफ़ बयान नहीं देते और जब वो बयान दे देते हैं तो ED उनका स्टेटमेंट लेना बंद कर देती और आख़िरी बयान को ही अपनी इन्वेस्टीगेशन में दर्ज करती है।