यूपी (UP) में जहरीले कफ सिरप विवाद (Toxic Cough Syrup Controversy) पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को कोडिन भैया (Codeine Bhaiya) की संज्ञा दी गई है। इन तमाम आरोपों को लेकर धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने एक न्यूज चैनल से एक्सक्लूसिव बातचीत कर अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखी।
लखनऊ। यूपी (UP) में जहरीले कफ सिरप विवाद (Toxic Cough Syrup Controversy) पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को कोडिन भैया (Codeine Bhaiya) की संज्ञा दी गई है। इन तमाम आरोपों को लेकर धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने एक न्यूज चैनल से एक्सक्लूसिव बातचीत कर अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखी। धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अप्रत्यक्ष रूप से एजेंडा बनाया हुआ है। सपा मुझको लेकर बीते पांच सालों से मुद्दा बनाकर राजनीति कर रही है।
कोडिन मामले में बार-बार धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) का नाम उछलने को लेकर कहा कि अखिलेश जी मेरा नाम नहीं लेते हैं पर फोटो दिखाकर बात करते हैं। उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप अगर करना है तो नाम लेकर कहें। सीधे सदन में जाकर सपा के सांसद जो बयान दे रहे हैं वह गलत है। इस तरह की गलत बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, ये व्यवहार सड़क पर चल सकता है संसद में नहीं। संसद में संवेदनशील वक्तव्य दिए जाते हैं।
धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) पर कोडिन भैया (Codeine Bhaiya) का आरोप केवल अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) नहीं बल्कि अभय सिंह भी लगा रहे हैं। इसके जवाब में धनंजय का कहना कि अभय सिंह ने जो कोडिन भैया (Codeine Bhaiya) बोला है वह अपने लिए कहा होगा। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मुख्यमंत्री रहते उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (Uttar Pradesh Public Service Commission) का नाश कर दिया था। हर जिले में मुन्ना भाई तैयार किए। 50 लाख छात्रों का भविष्य खराब कर दिया।
सपा का नहीं है कोई चाल चरित्र
लगातार आरोपों से आहत धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने कहा अखिलेश और समाजवादी पार्टी का कोई चाल चरित्र नहीं है। उनके पास कोई मुद्दे नहीं है। उनकी लड़ाई बीजेपी से है। फिर भी वह उनसे लड़ रहे हैं। वह एक ही समय बीजेपी, बीएसपी और समाजवादी पार्टी से लड़ हैं। इसका मतलब यह है कि अखिलेश यादव बीजेपी को नहीं धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को अपना प्रतिद्वंद्वी मानते हैं।
आलोक को शुभम ने खुलवाई थी कप सिरप की एजेंसी
अमित सिंह, आलोक सिंह से रिश्तों को लेकर लगे तमाम आरोपों पर धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने कहा कि आलोक सिंह इस मामले में कोई किरदार नहीं है। उन्होंने कहा कि आलोक को वह बचपन से जानते हैं। वह उनके पड़ोसी हैं। उनके भाई से पारिवारिक संबंध हैं। आलोक ने ही उनको बताया था कि शुभम जायसवाल ने होलसेल एजेंसी खुलवाई थी। अमित टाटा भी इसमें साथ था। शुभम जायसवाल ने कहा था कि होलसेल में पैसा लगेगा तो महीने के 2 लाख की कमाई हो जाएगी।अगर आलोक को पता होता कि वह फ्रॉड है तो अपने नाम से एजेंसी क्यों खुलवाता? उसने मासूमियत में ऐसा कर दिया। धनंजय बोले कि जांच में सब सामने आ जाएगा। एसआईटी (SIT) मामले की जांच कर रही है। वह सिर्फ राजनीतिक विषयों पर बात करेंगे किसी एजेंसी पर नहीं।
UP में हैं 9777 नंबर की हजारों गाड़ियां
आरोपियों के पास से मिले गाड़ी नंबर पर धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने कहा कि 9777 नंबर की गाड़ियां यूपी में हजारों हैं, तो क्या ये सब गाड़ियां उनकी हैं। उन्होंने कहा कि यह बचकानी बात है। जिस नंबर की गाड़ी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के पास है उस नंबर की गाड़ी और भी लोग चलाते होंगे।
आलोक सिंह से संबंधों पर धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर बेटा नशा कर रहा हो तो ये बात पिता को पता नहीं चलती है। फिर आलोक ने क्या किया ये जानकारी उनको कैसे होगी? उन्होंने कहा कि उनका संबंध उसके परिवार से है और आगे भी रहेंगे।
मुलायम सिंह और लालू यादव को पहली बार सीएम की कुर्सी पर बिठाना दो क्षत्रियों की ही थी देन ,अखिलेश को दिक्कत धनंजय सिंह और क्षत्रियों से है
संसद में धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) के नाम पर हो रही चर्चा पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का कोई होमवर्क नहीं है। पार्टी के नेता झूठे हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को सीरियस मुद्दों की राजनीति करनी चाहिए। उनको इस बार 50 सीट भी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि अखिलेश बड़े नेता हैं। वह समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हैं। अगर वह सीरियस होते तो संसद में प्रधानमंत्री से जाकर सीबीआई नारकोटिक्स (CBI Narcotics) की जांच की मांग करते। उनको दिक्कत धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) और क्षत्रियों से है। 2022 में क्षत्रियों ने उनको घर भेज दिया था। इस बार भी उनका वही हाल होगा। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह और लालू यादव को पहली बार सीएम की कुर्सी पर बिठाना दो क्षत्रियों की ही देन थी।