मुख्यमंत्री ने कहा, याद करिए, संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई? वहां जो ज्योतिर्लिंग निकला है, क्या ये आस्था नहीं थी क्या? उन दरिंदो को सजा क्यों नहीं मिली जिन्होंने 46 वर्ष पहले संभाल के अंदर नरसंहार किया था? क्यों नहीं चर्चा होती संभल में उनलोगों की? उन निर्दोष लोगों का क्या कसूर था जिनकी निर्मम हत्या संभल के अंदर आज से 46 वर्ष पहले हुई थी? जो भी उस सच को बोलेगा उसे धमकी दी जाएगी। उनका मुंह बंद कराने का प्रयास होगा।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में संभल मामले में बड़ा बयान दिया। उन्होंने अयोध्या, काशी और संभल के मामले में विपक्ष पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा, विपक्ष अपनी सरकार में असफल रही तो हमारे सफलता पर सवाल खड़ा कर रही है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से पूछते हुए कहा कि, आप मुझे बताओ अयोध्या में राम मंदिर का फैसला नहीं आता, अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन पाता तो अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन पाता क्या? अयोध्या की गालियां फोरलेन की बन पाती क्या? अयोध्या रेलवे की डबल लाइन के साथ जुड़ पाता क्या? अयोध्या की इतनी बेहतरीन कन्नेक्टविटी हो पाती क्या? आम जनमानस खुश है। हर व्यक्ति प्रफुल्लित है। आने वाला श्रद्धालु कृतज्ञता ज्ञापित करता है।
संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या रातों-रात प्रशासन ने बना दिया?
क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई?उन दरिंदों को आज तक सजा क्यों नहीं मिली, जिन्होंने 46 वर्ष पहले संभल में नरसंहार किया था? इस पर चर्चा क्यों नहीं होती है? pic.twitter.com/SKA0LFZdAX
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 15, 2024
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उन्होंने आगे कहा, देश के संविधान का वास्तव में गाला घोंटकर संविधान में चोरी से ‘सेक्युलर’ शब्द डालने वाले लोग अपने घर में शोक मना रहे हैं। उन्हें परेशानी है कि काशी विश्वनाथ धाम की कायाकल्प कैसे हो गई? उन्हें परेशानी है कि अयोध्या में राम मंदिर, अयोध्या इतनी भव्य और दिव्य कैसे हो गई? उन्हें परेशानी इस बात की है कि हमलोगों ने दशकों तक शासन किया लेकिन कुछ नहीं कर पाएं। अपने निक्मेपन पर हमलोगों को कोस रहे हैं। अपनी अकर्मण्यता का दोष हमारी सफलता को कोस कर के दे रहे हैं। हम सबको इनकी इस मानसिकता को देखना होगा।
याद रखना ये कितना भी राग अलापें कल संसद में चर्चा संविधान की हो रही थी लेकिन मुद्दा संभल का उठ रहा था। संभल में इन्ही के समय में 46 वर्ष पहले जिस मंदिर को बंद कर दिया गया था वो मंदिर फिर से सबके सामने आ गया। इनकी वास्तविकता को सबके सामने प्रस्तुत कर दिया। साथ ही कहा, याद करिए, संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई? वहां जो ज्योतिर्लिंग निकला है, क्या ये आस्था नहीं थी क्या? उन दरिंदो को सजा क्यों नहीं मिली जिन्होंने 46 वर्ष पहले संभाल के अंदर नरसंहार किया था? क्यों नहीं चर्चा होती संभल में उनलोगों की? उन निर्दोष लोगों का क्या कसूर था जिनकी निर्मम हत्या संभल के अंदर आज से 46 वर्ष पहले हुई थी? जो भी उस सच को बोलेगा उसे धमकी दी जाएगी। उनका मुंह बंद कराने का प्रयास होगा।