टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस जल्द भारत में लॉन्च होने वाली है। इससे पहले एलन मस्क (Elon Musk) ने एक नई तरह की डायरेक्ट-टू-सेल (Direct-to-Cell) टेक्नोलॉजी पेश की है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स का सेलफोन यानी मोबाइल डायरेक्ट सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगा।
नई दिल्ली। टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस जल्द भारत में लॉन्च होने वाली है। इससे पहले एलन मस्क (Elon Musk) ने एक नई तरह की डायरेक्ट-टू-सेल (Direct-to-Cell) टेक्नोलॉजी पेश की है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स का सेलफोन यानी मोबाइल डायरेक्ट सैटेलाइट (Direct Satellite) से कनेक्ट हो जाएगा। इसके लिए यूजर्स के मोबाइल फोन में किसी स्पेसिफिक हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं होगी। इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स बिना सिम कार्ड के कॉलिंग और टेक्स्ट मैसेज सर्विस एक्सेस कर सकेंगे।
If you have a clear view of the sky, you can connect to the world in minutes 🛰️🌎❤️ pic.twitter.com/r6guWxkcCa
— Starlink (@Starlink) November 15, 2024
स्टारलिंक (Starlink) की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स से बिलकुल अलग है और लोअर ऑर्बिट के जरिए लो लैटेंसी में यूजर्स को सुपरफास्ट इंटरनेट एक्सेस कराता है। यह डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी (Direct-to-Sale Technology) यूजर्स के डिवाइस के लिए और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
क्या है Direct-to-Cell टेक्नोलॉजी?
इसे एडवाइंस सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (Advances Satellite Communication Technology) कहा जाता है, जिसके जरिए यूजर के स्मार्टफोन को सैटेलाइट के जरिए कनेक्ट किया जाता है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन (Satellite Communication) के लिए सेलफोन यानी मोबाइल को किसी रिसीवर या टैरेस्टियल डिवाइस की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा इस टेक्नोलॉजी की खास बात यह है कि इसके लिए मोबाइल फोन में किसी स्पेसिफिक हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर ऐप (Specific hardware or software app) की जरूरत नहीं होती है। यूजर्स अपने फोन को डायरेक्ट सैटेलाइट से कनेक्ट कर सकेंगे। फिलहाल यह टेक्नोलॉजी टेस्ट मैसेज (Technology Test Message) और कॉलिंग को सपोर्ट करता है। जल्द ही, इसमें इंटरनेट सर्विस (Internet Service) का भी लाभ मिल सकेगा।
यह डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगी। इस टेक्नोलॉजी के जरिए एक साथ लाखों डिवाइस को सैटेलाइट से कनेक्ट करने में मदद मिलेगी। खास तौर पर लॉजिस्टिक, एग्रीकल्चर और रिमोट मॉनिटरिंग में इससे काफी मदद मिलेगी। यूजर्स अपने स्टैंडर्ड यानी आम स्मार्टफोन के जरिए सैटेलाइट इंटरनेट से कनेक्ट कर सकेंगे। इस टेक्नोलॉजी का फायदा इमरजेंसी के दौरान होगा, जिसमें बिना नेटवर्क कवरेज वाले एरिया से भी कनेक्टिविटी स्थापित की जा सकेगी।
टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी
एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी Starlink ने इसके लिए दुनिया के कई देशों के टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी की है ताकि मौजूदा मोबाइल नेटवर्क के साथ-साथ यूजर्स को सैटेलाइट कनेक्टिविटी (Satellite Connectivity) भी मिल सके। आने वाले कुछ महीनों में यूजर्स को डायरेक्ट-टू-सेल इंटरनेट सर्विस (Direct-to-sale Internet Service) आने के बाद इस टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स को 250 से 350Mbps की स्पीड से इंटरनेट एक्सेस भी मिलेगा।