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Ganesh Chaturthi 2023 : बुद्धि विधाता मोरया, सुख करता जय मोरया… गणेश चतुर्थी पर गुंजायमान हो रहे ये मंत्र

Ganesh Chaturthi 2023: 'ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।' गणेश चतुर्थी पर गुंजामान हुआ ये मंत्र Ganesh Chaturthi 2023 : Morya, the creator of wisdom, Jai Morya, the giver of happiness... such mantras are resonating on Ganesh Chaturthi.

By संतोष सिंह 
Updated Date

Ganesh Chaturthi 2023: हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। इसलिए किसी भी शुभ काम को करने से पहले उनकी पूजा की जाती है। विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव (Lord Shri Ganesha) 19 सितंबर को देशभर में मनाया जा रहा है। जो 28 सितंबर तक मनाया जाएगा।

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मान्यता है कि इसी दिन गणेश जी का प्राकट्य हुआ था। गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी धरती पर आकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गणेश जी की पूजा की अवधि 10 दिन तक होती है, इसे गणेश महोत्सव कहते हैं। अनंत चतुर्दशी तक गणेश महोत्सव चलता है। यह त्योहार महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में मनाया जाता है। इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है।

गणेश भगवान हैं  बुद्धि, विवेक, धन-धान्य के कारक 
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व दो से दस दिन तक मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस दिन मंगलवार का दिन है। भगवान गणेश जी को बुद्धि, विवेक, धन-धान्य, रिद्धि-सिद्धि का कारक माना जाता है। मान्यता है कि गणेश जी को प्रसन्न करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति की स्थापना होती है।
शुभ कार्यों के लिए  ये सात दिन रहेंगे उत्तम
इस वर्ष तो गणेश चतुर्थी कई मायनों में खास है। अकेले चतुर्थी ही शुभ नहीं है, बल्कि 19 सितंबर से 28 सितंबर के बीच 7 दिन अच्छे योग बन रहे हैं। ऋषि पंचमी, सूर्य षष्ठी, महालक्ष्मी व्रत, राधाष्टमी, चंद्र नवमी, पद्मा एकादशी, प्रदोष इन सात दिनों में आप सिर्फ गणपति की पूजा के अलावा कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। वाहन और घर खरीदने के लिए भी यह समय शुभ है।
इको फ्रेंडली बप्पा माेह रहे हैं मन
बाजार में विभिन्न प्रकार की छोटी-बड़ी गणेश जी की मूर्तियां हैं, लेकिन प्रभु की इको-फ्रेंडली मूर्तियों को ग्राहक अधिक पसंद कर रहे हैं। मूर्तियां बनाने वाले कारीगर राज ने बताया कि भगवान गणेश की यह मूर्तियां कच्ची मिट्टी से बनाई जाती हैं। ये मूर्तियां विसर्जित होने कर पानी में आराम से घुल जाती हैं। सबसे छोटी मूर्तियां 200 और बड़ी मूर्तियां 11000 रुपये तक की बाजार में उपलब्ध हैं। एक इको फ्रेंडली मूर्ति बनाने में 2 दिन का समय लगता है। पीओपी की मूर्ति एक दिन में तैयार हो जाती हैं।

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