भारत में डिजिटल करेंसी (Digital Currency की राह देख रहे लोगों के लिए भारतीय रिवर्ज बैंक के गवर्नर शिशकांत दास (Reserve Bank of India Governor Shishkanta Das) ने शनिवार को अच्छी खबर है। उन्होंने बताया कि भारत में दिसंबर तक आरबीआई की अपनी डिजिटल करेंसी (Digital Currency लांच कर सकता है। उन्होंने बताया कि दिसंबर में डिजिटल करेंसी को ट्रायल के तौर पर लाया जाएगा।
नई दिल्ली। भारत में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की राह देख रहे लोगों के लिए भारतीय रिवर्ज बैंक के गवर्नर शिशकांत दास (Reserve Bank of India Governor Shishkanta Das) ने शनिवार को अच्छी खबर है। उन्होंने बताया कि भारत में दिसंबर तक आरबीआई की अपनी डिजिटल करेंसी (Digital Currency लांच कर सकता है। उन्होंने बताया कि दिसंबर में डिजिटल करेंसी को ट्रायल के तौर पर लाया जाएगा। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इसे बड़े स्तर पर लांच किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहते। इसलिए केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (Digital Currency ) को लेकर ज्यादा सावधानी बरत रही है।
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच केंद्रीय बैंक का ये बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही 2018 के एक सर्कुलर को खारिज कर चुका है, जिसमें आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी व बिटक्वाइन के माध्यम से किसी व्यक्ति व संस्था को सुविधा मुहैया कराने वाले बैंक को बैन करने का प्रावधान किया था।
डिप्टी गवर्नर भी कर चुके हैं इशारा
बीते माह भारतीय रिवर्ज बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर (Deputy Governor T Ravi Shankar) भी इस ओर इशारा कर चुके हैं कि भारत जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी को लांच कर सकता है। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया था कि बैंक इस मामले में कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता। इसलिए वह सभी पहलुओं की जांच के बाद ही डिजिटल करेंसी को बाजार में उतारेगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्रा का प्रयोग कागजी मुद्रा की जगह आदान-प्रदान के लिए किया जा सकेगा। वहीं चीन ने पहले से ही डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) पर प्रयोग शुरू कर दिया है।
Digital Currency की हो रही है वकालत
कागजी मुद्रा पर निर्भरता खत्म करने व ट्रांजेक्शन (Transaction) को कम करने के लिए पिछले कई सालों से डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की वकालत हो रही है। केंद्रीय बैंक ने बताया कि डिजिटल करेंसी से रियल टाइम ट्रांजेक्शन तो होगा ही साथ ही करेंसी के वैश्वीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।