हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की उपासना के लिए गोपाष्टमी पर्व (Gopashtami 2024) को बेहद खास महत्व है।
Gopashtami 2024 Aarti : हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की उपासना के लिए गोपाष्टमी पर्व (Gopashtami 2024) को बेहद खास महत्व है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्त श्री कृष्ण और गौ माता की पूजा करते है। आज ब्रज समेत पूरे देश में गोपाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शश राजयोग समेत कई शुभ फलदायक योग बन रहे हैं।
गोपाष्टमी का पूजन मुहूर्त
गोपाष्टमी की अष्टमी तिथि 8 नवंबर को रात 11 बजकर 56 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 9 नवंबर यानी आज रात 10 बजकर 45 मिनट पर होगा। गोपाष्टमी का पूजन अभिजीत मुहूर्त में किया जाता है। अभिजीत मुहूर्त आज सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग में भी पूजन किया जा सकता है जिसका समय सुबह 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 11 बजकर 47 मिनट तक है।
घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है
मान्यता है कि गोपाष्टमी पर गाय की पूजा उपासना करने से 33 कोटि देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन से भगवान कृष्ण ने गाय को चराना शुरू कर दिया था, इससे पहले वे केवल गाय के बछड़ों को ही चराया करते थे।
सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है
गोपाष्टमी के दिन गाय को अपने हाथों से हरा चारा खिलाना चाहिए और उनके चरण स्पर्श करने चाहिए। अगर आपको अपने घर के आसपास गाय ना मिले तो गौशाला में जाकर गाय की सेवा कर सकते हैं। पूजा के लिए सबसे पहले गाय स्नान कराएं और रोली-चंदन से उनका तिलक करें। उन्हें फूल चढ़ाएं और भोग लगाएं। इस दिन गाय को चारे के साथ ही गुड़ का भी भोग लगाएं। इससे सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है।