1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Gyanvapi Case : ASI सर्वे की हरी झंडी मिलने के बाद मुस्लिम पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट , हिंदू पक्ष ने भी दाखिल की कैविएट अर्जी

Gyanvapi Case : ASI सर्वे की हरी झंडी मिलने के बाद मुस्लिम पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट , हिंदू पक्ष ने भी दाखिल की कैविएट अर्जी

यूपी (UP) के वाराणसी जिले में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर (Kashi Vishwanath Temple-Gyanvapi Complex Case) मामले में गुरुवार को नया मोड़ आया। जहां एक तरफ हिंदू याचिकाकर्ताओं में से एक ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में कैविएट अर्जी दाखिल की। वहीं मुस्लिम पक्ष (Muslim Petitioners)  ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दरवाजा खटखटाया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। यूपी (UP) के वाराणसी जिले में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर (Kashi Vishwanath Temple-Gyanvapi Complex Case) मामले में गुरुवार को नया मोड़ आया। जहां एक तरफ हिंदू याचिकाकर्ताओं में से एक ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में कैविएट अर्जी दाखिल की। वहीं मुस्लिम पक्ष (Muslim Petitioners)  ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दरवाजा खटखटाया है।

पढ़ें :- आम चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी पर SC ने ED से मांगा जवाब, जजों ने ASG से सवालों की बौछार

बता दें कि ज्ञानवापी परिसर मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के बाद सर्वे का रास्ता साफ हो गया। ऐसे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI Survey) ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कर सकती है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष (Muslim Petitioners)  इस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  पहुंचा है।

जानें कोर्ट ने क्या कुछ कहा?

मुस्लिम पक्ष (Muslim Petitioners) के वकील ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  से आग्रह किया कि एएसआई को सर्वे करने की अनुमति नहीं दी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने कहा कि वह इस मुद्दे पर गौर करेगा।

कैविएट अर्जी दाखिल
वहीं, हिंदू याचिकाकर्ताओं (Hindu Petitioners) में से एक ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  का रुख करते हुए पहले ही एक कैविएट अर्जी दाखिल कर दी।

पढ़ें :- Lok Sabha Elections 2024 : ममता सरकार को बड़ी राहत, शिक्षक भर्ती घोटाले की CBI जांच पर SC ने लगा दी रोक

इस अर्जी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आग्रह करते हुए कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष एएसआई को सर्वे को संचालन करने की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करता है तो बिना उनका पक्ष सुने हुए कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाए।

क्या है कैविएट अर्जी?
सनद रहे कि एक वादी द्वारा कैविएट अर्जी यह सुनिश्चित करने के लिए दाखिल की जाती है कि बिना सुने उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए।

मामले में अब तक क्या कुछ हुआ?

वाराणसी के जिला जज ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) में वजूखाना व शिवलिंग छोड़कर अन्य क्षेत्र के एएसआइ सर्वे का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की थी। जिसपर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने 24 जुलाई को एएसआई सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) जाने की सलाह दी थी।

पढ़ें :- UP News : सीएम योगी, बोले- जो बैलेट पेपर लूटने का काम करते थे, वो EVM पर उठा रहे हैं सवाल
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...