जब भगवान हनुमान माता सीता जी की खोज में लका गए थे।इस दौरान सुंदर पर्वत पर स्थित अशोक वाटिका थी। जहां हनुमान जी की माता सीता से भेंट हुई थी। इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी। इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है।
जब भगवान हनुमान माता सीता जी की खोज में लका गए थे।इस दौरान सुंदर पर्वत पर स्थित अशोक वाटिका थी। जहां हनुमान जी की माता सीता से भेंट हुई थी। इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी। इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है।
शुभ अवसरों और कार्यों की शुरुआत से पहले सुंदरकांड का पाठ करने का खास महत्व माना गया है। कहते है कि किसी व्यक्ति को जीवन में परेशानियों ने घेर रखा हो या फिर कोई काम न बन रहा हो, आत्मविश्वास कम तो घर में सुंदरकांड कराना चाहिए। घर में सुंदरकांड का पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है। सुदरकांड पाठ से हनुमान जी खुश होते है। तो चलिए फिर जानते हैं सुंदरकांड का पाठ करने से क्या फायदे होते हैं।
सुन्दरकाण्ड के पाठ से लाभ
1. सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है, ये आत्मविश्वास में बढोतरी करता है और परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मददगार होता है, बुद्धि कुशाग्र होती है।
2. इसका पाठ मन को शांति और सुकून देता है मानसिक परेशानियों और व्याधियो से ये छुटकारा दिलवाने में कारगर है।
3. जिन लोगो को गृह कलेश की समस्या है इस पाठ से उनको विशेष फल मिलते है।
4. अगर घर का मुखिया इसका पाठ घर में रोज करता है तो घर का वातावरण अच्छा रहता है।
5. घर में या अपने आप में कोई भी नकारात्मक शक्ति को दूर करने का ये अचूक उपाय है।
6. अगर आप सुनसान जगह पर रहते है और किसी अनहोनी का डर लगा रहता हो तो उस स्थान या घर पर इसका रोज पाठ करने से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती है और आत्मबल बढ़ता है।
7. जिनको बुरे सपने आते हो रात को अनावश्यक डर लगता हो इसके पाठ निश्चित से आराम मिलेगा।
8. जो लोग क़र्ज़ से परेशान है उनको ये पाठ शांति भी देता है और क़र्ज़ मुक्ति में सहायक भी होता है।
9. जिस घर में बच्चे माँ पिता जी के संस्कार को भूल चुके हो, गलत संगत में लग गए हो और माँ पिता जी का अनादर करते हो वहा भी ये पाठ निश्चित लाभकारी होता है।
10. किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक रोग भले क्यों न हो इसका पाठ लाभकारी होता है।
11. भूत प्रेत की व्याधि भी इस पाठ को करने से स्वतः ही दूर हो जाती है।
12. नौकरी में प्रमोशन में भी ये पाठ विशेष फलदाई होता है।
13. घर का कोई भी सदस्य घर से बाहर हो आपको उसकी कोई जानकारी मिल पा रही हो या न भी मिल पा रही हो तो भी आप अगर इसका पाठ करते है तो सम्बंधित व्यक्ति की निश्चित ही रक्षा होगी, और आपको चिंता से भी राहत मिलेगी।