उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में अब तक 121 लोगों की जान चली गयी है। सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से ये दर्दनाक हादसा हुआ। इस बीच इस हादसे को लेकर ऐसी जानकारी सामने आई है जिससे हर कोई हैरान है।
Hathras News: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में अब तक 121 लोगों की जान चली गयी है। सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से ये दर्दनाक हादसा हुआ। इस बीच इस हादसे को लेकर ऐसी जानकारी सामने आई है जिससे हर कोई हैरान है। दरअसल, पुलिस ने जो एफआईआर लिखी है, उसमें सेवादारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें सेवादारों पर सबूतों को छिपाने की साजिश रचने का आरोप है। हालांकि, बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गयी है।
एफआईआर में कहा गया है कि आयोजकों ने साक्ष्य छिपाए और शर्तों का उल्लंघन किया। हाथरस मामले में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में जगत गुरु साकार विश्वहरि भोले बाबा का नाम नहीं है।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय सत्संग में आने वाले भक्तों की वास्तविक संख्या छिपाई। एफआईआर के मुताबिक आयोजन में ढाई लाख लोग आए थे जबकि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली थी। इसके साथ ही आयोजकों की ओर से ट्रैफिक मैनेजमेंट का कोई इंतजाम नहीं था।
एफआईआर में कहा गया कि, 80 हजार की इकट्ठा होने की मांगी गई अनुमति के अनुसार ही पुलिस और प्रशासन की ओर से भीड़ की सुरक्षा, शान्ति व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन किया गया था। लेकिन कार्यक्रम में लगभग ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से स्थिति आउटआफ कंट्रोल हो गई। जीटी रोड पर जाम लग गया, यातायात अवरुद्ध हो गया।