ऐसा करने से फाइटिक एसिड कम करने में मदद करता है। फाइटिक एसिड को कभी-कभी पोषक तत्व विरोधी कहा जाता है क्योंकि यह कुछ प्रोटीन और खनिजों जैसे आयरन, जिंक और कैल्शियम से जुड़ा होता है।
Why are almonds soaked and eaten: अक्सर कुछ लोग पकाने से पहले साबूत अनाजों और ड्राई फ्रूट्स को पानी में कुछ देर के लिए भिगो कर खाते है। पर क्या आपको पता है ऐसा क्यों किया जाता है। दाल और मोटे अनाजों को खाने से पहले पानी में कुछ देर के लिए पानी में जरूर भिगोकर रखना चाहिए।
ऐसा करने से फाइटिक एसिड कम करने में मदद करता है। फाइटिक एसिड को कभी-कभी पोषक तत्व विरोधी कहा जाता है क्योंकि यह कुछ प्रोटीन और खनिजों जैसे आयरन, जिंक और कैल्शियम से जुड़ा होता है।
इन पोषक तत्वों से बंध कर यह हमारे शरीर में उनकी अवशोषित होने की क्षमता को कम कर देता है जिससे हमें न अनाजों और ड्राईफ्रूट्स का पूरा फायदा नहीं मिलता। चलिए आज आपको बताते है खाने से पहले किन किन चीजों को पानी में भिगो कर रखना चाहिए, ताकि उसका पूरा पूरा फायदा आपको मिल सके।
मेथी के बीजों को भी इस्तेमाल करने से पहले पानी में भिगोकर रखना चाहिए। इससे इसका फाइबर बढ़ाता है और इसके गुणों को बढ़ाता है। साथ ही पानी में भीग जाने के बाद पेट के लिए इसे पचना आसान हो जाता है, साथ ही हमारा पाचन तंत्र भी स्वस्थ और बेहतर रहता है।
आपने देखा होगा बहुत से लोग बादाम को भी भिगो कर खाते है। बादाम के सेवन का यह बेहतर तरीका है। अलसी और बादाम आपको अगर इनमें से निकलने वाले टैनिन कंपाउंड से बचना है तो इन दोनों को भिगोकर खाना चाहिए। इसके अलावा इन दोनों को भिगोकर खाने से इसका फाइबर बढ़ता है और इसके पोषक तत्व और बढ़ जाते हैं। साथ ही इनका प्रोटीन पेट में गर्मी पैदा नहीं करता है।
आज से ही नहीं पुराने जमाने से आम को पानी में कुछ देर छोड़ने के बाद ही खाया जाता था। आम को कुछ देर पानी में भिगोकर खाने से इसकी गर्मी को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही कुछ लोगों को आम की गर्मी से दाने और स्किन इंफेक्शन हो जाते हैं। ऐसे में पानी में भिगोकर इन्हें खाना, इस समस्या से बचा सकता है।
इसके अलावा किशमिश को भी पानी में भिगोकर खाना चाहिए। पानी में भिगोकर किशमिश का सेवन, शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने में सहायता करता है। साथ ही ऐसा करने से इसका फाइबर बढ़ जाता है जो कि कब्ज और बवासीर के मरीजों को आराम दिलाता है। तो, इन तमाम चीजों को भिगोकर खाएं।