अधिकतर घरों में खाने पीने की कच्ची पक्की चीजों को स्टोर करने के लिए प्लास्टिक के कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक की बच्चों को लंचबॉक्स भी प्लास्टिक का दिया जाता है। यही छोटी मोटी चीजें आगे चलकर सेहत खराब कर सकती हैं।
अधिकतर घरों में खाने पीने की कच्ची पक्की चीजों को स्टोर करने के लिए प्लास्टिक के कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक की बच्चों को लंचबॉक्स भी प्लास्टिक का दिया जाता है। यही छोटी मोटी चीजें आगे चलकर सेहत खराब कर सकती हैं।
खाने पीने की चीजों को बच्चों को प्लास्टिक के टिफिन में पैक करना या घर में स्टोर करने के लिए प्लास्टिक के कंटेनर का इस्तेमाल करना हानिकारक हो सकता है। प्लास्टिक के लंच बॉक्स में गर्म गर्म खाना पैक करने से उसमें मौजूद हानिकारक रसायन बच्चों की हेल्थ पर असर डाल सकते है। लंबे समय तक इस तरह का खाना बच्चों को बीमार कर सकता है।
कई बार प्लास्टिक टूट कर छोटे-छोटे कणों में बदल जाते हैं, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक भी कहा जाता है। यह खाने में मिलकर बच्चों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, इससे बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है और बच्चा बीमारियों का सामना करने लगता है। प्लास्टिक के टिफिन में बैक्टीरिया आसानी से बन जाते हैं। ऐसे में भी बच्चा बीमार होने लगता है। कई बार लंबे समय तक प्लास्टिक के टिफिन का इस्तेमाल करने से उसकी सफाई ठीक से नहीं हो पाती है और उसमें जमे बैक्टीरिया बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।