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झारखंड में हेमंत सोरेन ने तोड़ा 24 साल का रिकॉर्ड, जानें बीजेपी कैसे हो गई धराशायी?

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) में पहली बार 24 साल का सियासी रिकॉर्ड टूटता नजर आ रहा है। पहली बार राज्य में कोई पार्टी मजबूती के साथ सत्ता में वापसी कर रही है। अब तक के रूझानों में हेमंत सोरेन गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल रहा है। हेमंत गठबंधन को झारखंड की 81 में से करीब 50 सीटों पर बढ़त हासिल है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) में पहली बार 24 साल का सियासी रिकॉर्ड टूटता नजर आ रहा है। पहली बार राज्य में कोई पार्टी मजबूती के साथ सत्ता में वापसी कर रही है। अब तक के रूझानों में हेमंत सोरेन गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल रहा है। हेमंत गठबंधन को झारखंड की 81 में से करीब 50 सीटों पर बढ़त हासिल है।

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इस विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने जब ‘हेमंत दुबारा’ का नारा दिया था तब किसी को विश्वास नहीं था कि प्रदेश की सत्ता में हेमंत सोरेन की वापसी इतनी आसान होगी। इसके पीछे बड़ी वजह यह थी कि भारतीय जनता पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया था। बड़े-बड़े दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतार दिया था।

शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) , हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma), लक्ष्मीकांत वाजपेई (Laxmikant Vajpayee) जैसे दिग्गजों के साथ ही बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) और चंपई सोरेन (Champai Soren) जैसे आदिवासी चेहरे भी पूरी ताकत से इलेक्शन कैम्पेन में लगे थे। लेकिन, दूसरी तरफ इंडिया अलायंस की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) थे। वर्तमान में मुख्यमंत्री भी हैं और उन्होंने सरकार की अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए ऐसा मास्टरस्ट्रोक चल दिया जिसने भाजपा की सारी ताकत को सियासी जमीन पर क्षीण कर दिया। मतदाताओं… खास तौर पर महिला वोटरों ने हेमंत के इस मास्टरस्ट्रोक को हाथों हाथ लिया और झारखंड में ‘हेमंत दुबारा’ के नारे को साकार कर दिया।

दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) की घोषणा होने से पहले ही हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Government) ने अपना मास्टरस्ट्रोक मईयां सम्मान योजना के रूप में सामने लाया था। इसका फायदा झारखंड की 50 लाख महिलाओं को डायरेक्ट मिला। इस योजना का खास बात यह कि इसके तहत 1000 रुपये मिलने थे, लेकिन जैसे ही चुनाव का समय नजदीक आया हेमंत सोरेन ने इस योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दी। इसके साथ ही लगभग यह कयास लगाये जाने लगे कि महिलाओं का वोट हेमंत सोरेन की ओर झुक सकता है।

इसके बाद 5 नवंबर 2024 को जब मईंया योजना की चौथी किस्त जारी हुई तो इस दौरान झारखंड में पहले चरण के लिए 13 नवंबर को मत डाले जाने थे। जाहिर तौर पर यह असर कर गया। हेमंत सोरेन ने महिलाओं के लिए अपनी प्लानिंग इतने सलीके से आगे बढ़ाया था कि पहली, दूसरी और तीसरी किस्त के भुगतान के लिए रक्षाबंधन, करण पर्व और नवरात्रि को चुना था। जाहिर तौर पर यह हेमंत सोरेन का मास्टरस्ट्रोक था। बीच चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन ने जिस प्रकार 50 लाख महिलाओं के खातों में रुपए ट्रांसफर किये महिलाओं ने इसे अपने लिए बड़ा गिफ्ट माना।

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यही कारण रहा कि जब महिलाएं 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान करने पहंची तो हेमंत के इस गिफ्ट को याद रखा। बड़ी संख्या में महिलाओं ने हेमंत सोरेन सरकार पर भरोसा जताया ऐसा राजनीतिक पंडित बताते हैं। वहीं, आंकड़े भी कुछ यही तस्दीक करते हैं। बता दें कि 2024 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले करीब 5 प्रतिशत ज्यादा रहा। इसके साथ दिलचस्प यह कि राज्य की 81 में से 68 सीट पर महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया और पुरुषों के मुकाबले राज्य में 5 लाख 51 हजार 797 महिला मतदाताओं ने अधिक वोट डाले।

बता दें कि झारखंड में कुल पुरुष मतदाता 1,31,63,429 हैं इनमें 85, 64, 524 वोटरों ने अपने मत डाले जो कि 65.06 रहा। वहीं, कुल 1,29,37,507 महिला मतदाताओं में 91,16,321 मततादाओं ने वोट डाले जो 70.04 प्रतिशत है। झारखंड की राजनीति को नजदीक से समझने वाले जानकार भी महिलाओं के बढ़े मत प्रतिशत को हेमंत की राह आसान करने वाला बताया।

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