बसपा सुप्रीमो मायावती पार्टी छोड़ने वाले नेताओं पर अक्सर गंभीर आरोप लगाती हैं। ऐसा ही यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गुड्डू जमाली उर्फ शाह आलम के बसपा छोड़ने पर किया था। मायावती ने उनके ऊपर सनसनीखेज आरोप लगाए थे, जिसके कारण सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया था।
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती पार्टी छोड़ने वाले नेताओं पर अक्सर गंभीर आरोप लगाती हैं। ऐसा ही यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गुड्डू जमाली उर्फ शाह आलम के बसपा छोड़ने पर किया था। मायावती ने उनके ऊपर सनसनीखेज आरोप लगाए थे, जिसके कारण सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया था। मायावती ने कहा था कि वह अपने ऊपर लगे युवती से छेड़छाड़ के मुकदमे को वापस कराने का दबाव बना रहे थे और इसको लेकर मुख्यमंत्री से सिफारिश करने को भी कह रहे थे।
बता दें कि, यूपी चुनाव से पहले बसपा नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद बसपा की तरफ से 25 नवंबर 2021 को एक पत्र जारी कर उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। बसपा की तरफ से इन आरोपों की कड़ी में उनके चरित्र से लेकर दबाव की राजनीति करने की बात का उल्लेख किया गया था। दरअसल, बसपा से इस्तीफा देने के बाद शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने ओवैसी की पार्टी का दामन थाम लिया था और उसे चुनाव भी लड़े।
हालांकि, हार के तुरंत बाद इनकी बसपा में वापसी हो गयी। वहीं अब बसपा सुप्रीमो की नजर में वो बेदाग हो गए और उन्हें आजमगढ़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया। बता दें कि गुड्डू जमाली पर आरोप विपक्ष के तरफ से नहीं लगा था, बल्कि पार्टी कार्यालय के तरफ से जारी पत्र में इन बातों का जिक्र किया गया है।
बता दें कि, उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। आजमगढ़ और रामपुर की लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। बसपा रामपुर में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी लेकिन आजमगढ़ से बसपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। आजमगढ़ से बसपा ने गुड्डू जमाली उर्फ शाह आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है।