Difference between OPS, NPS and UPS: मोदी सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दिये जाने के बाद सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद में एक निश्चित पेंशन मिलेगी। केंद्र के फैसले के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस चुनने का विकल्प होगा। यह स्कीम अगले साल यानी 2025 में 1 अप्रैल से लागू होगी। इसी के साथ हिमाचल प्रदेश (2023), राजस्थान (2022), छत्तीसगढ़ (2022) और पंजाब (2022) में पुरानी पेंशन को लागू कर दिया गया है।
Difference between OPS, NPS and UPS: मोदी सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दिये जाने के बाद सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद में एक निश्चित पेंशन मिलेगी। केंद्र के फैसले के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस चुनने का विकल्प होगा। यह स्कीम अगले साल यानी 2025 में 1 अप्रैल से लागू होगी। इसी के साथ हिमाचल प्रदेश (2023), राजस्थान (2022), छत्तीसगढ़ (2022) और पंजाब (2022) में पुरानी पेंशन को लागू कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को यह फैसला लेने का अधिकार होगा कि वो एनपीएस में बने रहेंगे या यूनिफाइड पेंशन स्कीम में शामिल होंगे। कैबिनेट सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा, ‘ये स्कीम उन सभी पर लागू होगी, जो 2004 के बाद से एनपीएस के तहत रिटायर हो गए हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों को ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस में अंतर और लाभ के बारे में जानकारी नहीं है। आइए इन तीनों के बीच अंतर को पॉइंट्स के जरिये समझते हैं-
यूपीएस स्कीम में क्या है खास?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए एक निश्चित पेंशन स्कीम का प्रावधान किया जाएगा। यूपीएस स्कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। वहीं, 2004 से लेकर 31 मार्च, 2025 तक NPS के तहत रिटायर हुए सभी कर्मचारी यूपीएस के पांचों लाभ उठा सकेंगे। केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, UPS के 5 मुख्य स्तंभ- फिक्स्ड पेंशन, निश्चित न्यूनतम पेंशन, निश्चित पारिवारिक पेंशन, इंफ्लेशन इंडेक्सेशन बेनिफिट और ग्रेच्युटी हैं। आइये इन पांचों स्तंभों को विस्तार से समझते हैं-
1. फिक्स्ड पेंशन: सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद फिक्स पेंशन मिलेगी। ये पेंशन रिटारयमेंट के ठीक पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी। हालांकि, इसका लाभ उन्ही कर्मचारियों को होगा, जिन्होंने कम से कम 25 साल तक नौकरी की हो।
2. निश्चित न्यूनतम पेंशन: कम से कम 10 साल नौकरी करने के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारी को पेंशन के रूप में 10, हजार रुपए मिलेंगे।
3. निश्चित पारिवारिक पेंशन: यूपीएस स्कीम के तहत कर्मचारी की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन भी मिलेगी।
4. इंफ्लेशन इंडेक्सेशन बेनिफिट: नई स्कीम के तहत इन तीनों पेंशन पर महंगाई के हिसाब से कर्मचारियों को डीआर का पैसा मिलेगा, जोकि ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा।
5. ग्रेच्युटी: यूपीएस स्कीम में कर्मचारी को उसकी नौकरी के आखिरी 6 महीने का वेतन और भत्ता एक लमसम अमाउंट के तौर दिया जाएगा। इसका एकमुश्त भुगतान किया जाए, जो उसके आखिरी बेसिक सैलरी का 1/10वां हिस्सा होगा।
ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस में अंतर
1- यूपीएस (UPS) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ दिया जाएगा। एनपीएस (NPS) के तहत सरकारी और प्राइवेट दोनों कर्मचारी खाता खोल सकते हैं, जबकि ओपीएस (OPS) केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है।
2- ओपीएस (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, जबकि एनपीएस (NPS) के तहत कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत (बेसिक+डीए) की कटौती होती है और यूपीएस (UPS) में भी इतना ही वेतन कटेगा, लेकिन सरकार की तरफ से 18.5 प्रतिशत का योगदान किया जाएगा।
3- यूपीएस (UPS) में रिटायरमेंट के तहत एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो 12 महीने के औसत मूल वेतन (Average Basic Pay) का 50 फीसदी होगा। ओपीएस (OPS) के तहत रिटायरमेंट के समय में भी निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो अंतिम मूल वेतन का 50 फीसदी होगा, जबकि एनपीएस (NPS) में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।
4- यूपीएस (UPS) में ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त अमाउंट रिटायरमेंट के समय दिया जाएगा। वहीं, ओपीएस (OPS) के तहत रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है, जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थायी प्रावधान है।
5- यूपीएस (UPS) में एकमुश्त राशि रिटायरमेंट के बाद दिया जाएगा। ओपीएस (OPS) में जीपीएफ (Government Provident Fund) की सुविधा है, जबकि एनपीएस (NPS) में यह सुविधा नहीं है।
6- यूपीएस (UPS) में ब्याज पर टैक्स लगेगा या नहीं ये अभी स्पष्ट नहीं है, जबकि ओपीएस (OPS) में रिटायरमेंट पर जीपीएफ के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है। दूसरी तरफ, एनपीएस (NPS) में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा।
7- एनपीएस (NPS) शेयर बाजार से लिंक योजना है, जिसमें कंट्रीब्यूशन करने पर रिटायरमेंट के समय 60 फीसदी तक अमाउंट एकमुश्त और बाकी बचा 40 प्रतिशत अमाउंट एन्युटी के तौर पर दिया जाता है, जबकि यूपीएस (UPS) और ओपीएस (OPS) एक सुरक्षित योजना है।
8- ओपीएस (OPS) में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिए किसी प्रकार का निवेश नहीं करना पड़ता है, जबकि एनपीएस (NPS) में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए एनपीएस फंड (NPS Fund) से 40 फीसदी पैसा निवेश करना पड़ता है। वहीं यूपीएस (UPS) में भी निवेश करने का कोई प्रावधान नहीं है।
9- ओपीएस (OPS) में 6 महीने के बाद कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है, जबकि एनपीएस (NPS) में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है। वहीं यूपीएस (UPS) में महंगाई के हिसाब से मंहगाई राहत (DR) दिया जाएगा।
10- यूपीएस (UPS) में कर्मचारियों को मेडिकल फैसिलिटी दी जाएगी, जबकि ओपीएस (OPS) में रिटायरमेंट के बाद मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन एनपीएस (NPS) में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
11- यूपीएस (UPS) में कर्मचारी की मौत हो जाने पर पारिवारिक पेंशन दिया जाएगा। ओपीएस (OPS) में सेवा के दौरान मौत होने पर पारिवारिक पेंशन का प्रावधान है, जबकि एनपीएस (NPS) में सेवा के दौरान मौत होने पर पारिवारिक पेंशन का प्रावधान है, लेकिन एनपीएस (NPS) के तहत जमा पैसे को सरकार जब्त कर लेती है।
12- यूपीएस (UPS) में कर्मचारी की 10 साल की सर्विस पर कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन का प्रावधान है। ओपीएस (OPS) में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है, जबकि एनपीएस (NPS) में यह प्रावधान नहीं है।