Nitin Gadkari's statement on Reservation: महाराष्ट्र में आरक्षण का मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय बना रहा है। आरक्षण को लेकर मराठा, ओबीसी और बंजारा समुदाय का नेतृत्व करने वाले नेताओं की बयानबाजी के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की प्रतिक्रीया सामने आयी है। गडकरी ने आरक्षण को लेकर कहा है कि वह ब्राह्मण जाति से आते हैं और भगवान उन पर सबसे बड़ा उपकार यह किया कि उन्हें आरक्षण नहीं मिला। गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
Nitin Gadkari’s statement on Reservation: महाराष्ट्र में आरक्षण का मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय बना रहा है। आरक्षण को लेकर मराठा, ओबीसी और बंजारा समुदाय का नेतृत्व करने वाले नेताओं की बयानबाजी के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की प्रतिक्रीया सामने आयी है। गडकरी ने आरक्षण को लेकर कहा है कि वह ब्राह्मण जाति से आते हैं और भगवान उन पर सबसे बड़ा उपकार यह किया कि उन्हें आरक्षण नहीं मिला। गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा, “आरक्षण का मुद्दा बहुत गंभीर है। मैंने अपने जीवन के इन 50 वर्षों में रोज़गार दिलाने की पूरी कोशिश की है। हम एक बात में सफल रहे हैं कि हम कई लोगों की नौकरियाँ बचा पाए हैं। आने वाले समय में हम यह संघर्ष जारी रखेंगे। समाज के समग्र विकास और प्रगति के लिए एक सुनियोजित कार्यक्रम बनाने की ज़रूरत है। समाज में जो वकील और डॉक्टर हैं, उन्हें इसमें पहल करने की ज़रूरत है।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि अपने पैरों पर खड़े हो जाओ और फिर काम करो। हमने अनुभव से सीखा है कि बिना पैसे के कुछ नहीं किया जा सकता। अगर हम कला और हुनर सीखें, तो अच्छी तरक्की कर सकते हैं।”
गडकरी ने कहा, “मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि अगर परमेश्वर ने मुझ पर, जो मैं ब्राह्मण जाति का हूं, सबसे बड़ा कोई उपकार किया होगा तो वह यही कि हमें आरक्षण नहीं दिया।” राज्य में आरक्षण के मुद्दों पर उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में ब्राह्मणों का महत्व नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में उनका बहुत महत्व है। जब भी मैं वहां जाता हूं तो देखता हूं कि दुबे, मिश्रा, त्रिपाठी उनका दबदबा बहुत है और वो शक्तिशाली हैं। जैसे यहां मराठा जाति का महत्व है वैसे ही वहां ब्राह्मण शक्तिशाली हैं।” उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, “मैं उन्हें कहता हूं कि मैं जात-पात नहीं मानता। कोई भी इंसान जात, धर्म या भाषा से बड़ा नहीं होता, बल्कि गुणों से बड़ा होता है।”