ऑफिस में छुट पुट बात पर मतभेद या बहस होना बेहद आम बात है। दिन का अधिकतम समय ऑफिस में ही बीतता है। ऐसे में बहुत से लोगों के साथ हमारी अच्छी दोस्ती हो जाती है तो कुछ के साथ विचारों का तालमेल नहीं बैठ पाता।
ऑफिस में छुट पुट बात पर मतभेद या बहस होना बेहद आम बात है। दिन का अधिकतम समय ऑफिस में ही बीतता है। ऐसे में बहुत से लोगों के साथ हमारी अच्छी दोस्ती हो जाती है तो कुछ के साथ विचारों का तालमेल नहीं बैठ पाता।
ऐसे में जरुर ध्यान रखे कि कुछ भी गलत बोलना आपके लिए घातक हो सकता है। दो लोगों के बीच का विवाद का फायदा कोई तीसरा उठा लेता है। मनमुटाव और अधिक बढ़ जाता है।
खुद ही मामलेको सुलझाने की कोशिश करें
अगर ऑफिस में आपके साथ भी किसी सहकर्मी के साथ वैचारिक मतभेद या विवाद हो तो कोशिश करें मनमुटाव अधिक बढ़ने न दें। सहकर्मी से विवाद होने पर खुद ही मामले को सुलझाने की कोशिश करें। बॉस तक इसकी शिकायत न करें।
हमेशा सीधी बात करें। अगर सहकर्मी के साथ किसी काम या बात को लेकर विवाद या तनाव बढ़ जाएं तो सीधी बात करें। कोशिश करें कि सहकर्मी को आपके साथ परेशानी क्या है।
विवाद कम होने की जगह और बढ़ जाता है
विवाद का सबसे बड़ा कारण दोनों लोगों के बीच किसी तीसरें को शामिल करने से। सहकर्मी से विवाद के बारे में किसी अन्य से चर्चा न करें। इससे ऑफिस में गॉसिप बढ़ती है। विवाद कम होने की जगह और बढ़ जाता है।