मोती का रत्न शास्त्र में बहुत महत्व होता है। इसे पहनने से ग्रहों के दुष्प्रभाव और जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा पा सकती है। पर क्या आप जानते है मोती पहनने के भी कुछ नियम औऱ तरीका होता है।
मोती का रत्न शास्त्र में बहुत महत्व होता है। इसे पहनने से ग्रहों के दुष्प्रभाव और जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा पा सकती है। पर क्या आप जानते है मोती पहनने के भी कुछ नियम औऱ तरीका होता है।
मोती का संबंध चंद्र से माना जाता है। जो शीतला प्रदान करता है। वहीं चंद्र को मन का कारक माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्र की स्थिति कमजोर हो उन लोगों को मोती धारण करना चाहिए। चंद्र के कमजोर होने पर व्यक्ति को मानसिक तनाव, नकारात्मक विचार, आत्मविश्वास में कमी आदि की समस्या होती है।
ग्रहों का संबंध राशियों से भी होता है इसलिए कुछ राशिवालों के लिए मोती लाभदायक तो कुछ के लिए नुकसान भी कर सकता है। कुंडली में चंद्र की स्थिति देखकर मोती धारण किया जाता है। हालांकि कुछ राशिवालों के लिए मोती फायदेमंद माना जाता है। जैसे मेष, कर्क, मीन और वृश्चिक।
मोती को पहनने का ये है तरीका
मोती की अंगूठी को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए। इसे धारण करने के लिए इसे चांदी के अंगूठी लगवाना चाहिए। मोती अंगूठी धारण करते समय सबसे पहले इसे कच्चे दूध या फिर गंगाजल में डुबाकर रखें फिर हाथ जोड़कर ‘ओम श्राम श्रीम श्रौम सः चंद्रमसे नमः’ का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके बाद विधि-विधान से शिवजी की पूजा करके इसे सबसे छोटी उंगली में धारण करना चाहिए।