पीएम ने कहा कि, डीएमके और कांग्रेस तब भी चुप बैठी रही, जब जल्लीकट्टू पर पाबंदी लगी थी। ये लोग तमिल संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। ये हमारी सरकार है, NDA की सरकार है जिसने जल्लीकट्टू को पूरे उत्साह के साथ मनाए जाने का रास्ता साफ किया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैं 1991 में ‘एकता यात्रा’ लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर गया था, और इस बार मैं कश्मीर से कन्याकुमारी आया हूं। जम्मू-कश्मीर में जो लोग देश को तोड़ने का सपना देखते हैं, जम्मू-कश्मीर ने ऐसे लोगों को नकार दिया है। अब तमिलनाडु के लोग भी ऐसा ही करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमने ऑप्टिकल फाइबर और 5G दिया, हमारे नाम पर डिजिटल इंडिया स्कीम है। इंडी अलायंस के नाम पर लाखों करोड़ रुपए का 2G का स्कैम है, और डीएमके उस लूट की सबसे बड़ी हिस्सेदार थी। हमारे नाम पर उड़ान स्कीम है, इंडी अलायंस के नाम हेलीकॉप्टर स्कैम है। हमारी खेलो इंडिया और TOPS स्कीम्स से देश ने खेलों में ऊंचा मुकाम हासिल किया, लेकिन उनके नाम पर CWG स्कैम का दाग है।
इसके साथ ही कहा, इंडी अलायंस कभी भी तमिलनाडु को विकसित नहीं बना सकता। इन लोगों का इतिहास घोटालो का है। इन लोगों की राजनीति का आधार लोगों को लूटने के लिए सत्ता में आना है। एक तरफ भाजपा की कल्याणकारी योजनाएं होती हैं, तो दूसरी ओर इनके करोड़ों के घोटाले होते हैं। साथ ही कहा, डीएमके तमिलनाडु के भविष्य की ही दुश्मन नहीं है, डीएमके तमिलनाडु के अतीत की, उसकी विरासत की भी दुश्मन है।
पीएम ने कहा कि, डीएमके और कांग्रेस तब भी चुप बैठी रही, जब जल्लीकट्टू पर पाबंदी लगी थी। ये लोग तमिल संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। ये हमारी सरकार है, NDA की सरकार है जिसने जल्लीकट्टू को पूरे उत्साह के साथ मनाए जाने का रास्ता साफ किया। साथ ही कहा, जब दिल्ली में संसद की नई इमारत बनी तो तमिल संस्कृति के प्रतीक, इस धरती के आशीर्वाद स्वरुप पवित्र सेंगोल को हमने नए भवन में स्थापित किया। लेकिन इन लोगों ने इसका भी बॉयकॉट किया, उन्हें सेंगोल की स्थापना पसंद नहीं आई।
साथ ही उन्होंने कहा, मैं अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले यहां आया था, मैंने यहां के प्राचीन तीर्थों के दर्शन किए थे। लेकिन डीएमके ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखने तक पर रोक लगाने का प्रयास किया था। सुप्रीम कोर्ट को तमिलनाडु सरकार को कड़ी फटकार लगानी पड़ी थी।