एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा (Amity University Noida) में भारतीय युवा संसद (Indian Youth Parliament) के अवसर पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव (Union Tribal Affairs Minister Jual Oram) ने इंडिया फॉर चिल्ड्रेन (India for Children) को शांति श्रेणी के तहत यह पुरस्कार प्रदान किया।
नोएडा। बाल अधिकारों के सवाल को देश की मुख्य धारा की मीडिया में जोरदार तरीके से स्थापित करने वाली मीडिया और संचार एजेंसी इंडिया फॉर चिल्ड्रेन (India for Children) को प्रतिष्ठित ‘स्वामी विवेकानंद पुरस्कार’ (Swami Vivekananda Award) से सम्मानित किया गया है। एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा (Amity University Noida) में भारतीय युवा संसद (Indian Youth Parliament) के अवसर पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव (Union Tribal Affairs Minister Jual Oram) ने इंडिया फॉर चिल्ड्रेन (India for Children) को शांति श्रेणी के तहत यह पुरस्कार प्रदान किया। ये पुरस्कार शांति, पर्यावरण और सेवा श्रेणियों में दिए जाते हैं जिनका चयन विशेषज्ञों की समिति करती है। एमिटी यूनिवर्सिटी (Amity University Noida) के सहयोग से सोशल रिफॉर्म्स एंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (SRRO) ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
सामाजिक बदलाव और बच्चों के मुद्दों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पुरस्कार विजेताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने स्वामी विवेकानंद को उद्घृत करते हुए कहा “उठो! जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। उन्होंने कहा कि स्वामीजी के ये शब्द आज भी प्रासंगिक हैं, क्योंकि ये युवाओं में आत्मनिर्भरता, अनुशासन और सामूहिक विकास की भावना जगाते हैं, जो हमारे देश का भविष्य हैं।
बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली देश की एकमात्र मीडिया एजेंसी इंडिया फॉर चिल्ड्रेन के निदेशक अनिल पांडेय ने पुरस्कार के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मान संगठन के प्रयासों व इसकी विश्वसनीयता की पुष्टि करने के साथ ही देश के हरेक बच्चे के अधिकारों की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों को जारी रखने की हमारी ज़िम्मेदारी को और भी बढ़ा देता है। बाल अधिकारों के मुद्दों को मुख्यधारा के मीडिया में सबसे आगे लाने का हमारा मिशन अब तक सफलता भरा रहा है। हमने एक ऐसा इकोसिस्टम विकसित किया है जहां डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया मंचों पर बाल संरक्षण एक प्राथमिकता बन गया है।” उन्होंने कहा, “हमारे प्रयासों के ठोस परिणाम सामने आए हैं। आज मीडिया की धारणा में उल्लेखनीय बदलाव आया है जिससे भारत में बच्चों के मुद्दों के अब ज्यादा स्थान मिलने लगा है। हमें विश्वास है कि हमारे प्रयासों से बच्चों के खिलाफ अपराध – विशेष रूप से बाल विवाह, बाल यौन शोषण, बाल मजदूरी और बच्चों की ट्रैफिकिंग की रोकथाम के प्रयासों में मदद मिलेगी।”
साल 2017 में स्थापित इंडिया फॉर चिल्ड्रेन, देश भर में 250 से अधिक गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ साझेदारी में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इंडिया फॉर चिल्ड्रेन प्रिंट, डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया मंचों पर बच्चों के मुद्दों को उजागर करने के अलावा मीडिया मीट और मीडिया कार्यशालाओं का आयोजन करने के साथ ही बाल विवाह, बच्चों की ट्रैफिकिंग, यौन शोषण और बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता के प्रसार के लिए फिल्में और वीडियो भी बनाता है। अकेले 2024 में, इंडिया फॉर चिल्ड्रेन ने इन मुद्दों पर 10,000 से अधिक मीडिया कवरेज हासिल की है जिनमें से बहुत सी खबरें अखबारों के फ्रंट पेज और टीवी चैनलों के प्राइम टाइम पर थी। ऑनलाइन पहुंच लाखों लोगों तक रही।
सम्मान समारोह में एमिटी लॉ स्कूल के अध्यक्ष डॉ डी के बंद्योपाध्याय, एडिशनल डायरेक्टर डॉ. शेफाली रायजादा, समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु स्वामी विशालानंद, सामाजिक बदलाव के वाहक आध्यात्मिक गुरु प्रदीप भैयाजी और आयोजन समिति के संयोजक प्रमोद कुमार और प्रसिद्ध टीवी पत्रकार दिनेश गौतम भी उपस्थित थे।