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स्वदेशी युद्धक जहाज आईएनएस इंफाल आज नौसेना में होगा शामिल, 8 बराक, 16 ब्रह्मोस एंटीशिप मिसाइल, सर्विलांस रडार समेत अन्य हथियारों से है लैस

भारत का स्वदेशी युद्धक जहाज आईएनएस इंफाल (INS Imphal) मंगलवार (26 दिसंबर) को नौसेना में शामिल हो जाएगा। आईएनएस इंफाल (INS Imphal) के नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड (Naval Dockyard) में होगा। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।

By संतोष सिंह 
Updated Date

मुंबई। भारत का स्वदेशी युद्धक जहाज आईएनएस इंफाल (INS Imphal) मंगलवार (26 दिसंबर) को नौसेना में शामिल हो जाएगा। आईएनएस इंफाल (INS Imphal) के नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड (Naval Dockyard) में होगा। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। आईएनएस इंफाल (INS Imphal) विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) श्रेणी के डेस्ट्रॉयर है, जिसे भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने ही डिजाइन किया और भारत में ही इसका निर्माण किया गया है।

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हिंद महासागर (Indian Ocean) में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच भारतीय नौसेना (Indian Navy)  की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए INS इंफाल को मुंबई डॉकयार्ड में सुबह कमीशन किया जाएगा। इसके बाद वॉरशिप पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल कर लिया जाएगा। यह डिस्ट्रॉयर सतह से सतह पर मार करने वाली 8 बराक और 16 ब्रह्मोस एंटीशिप मिसाइल, सर्विलांस रडार, 76 MM रैपिड माउंट गन, एंटी सबमरीन टॉरपीडो से लैस है। रक्षा मंत्रालय के मुंबई स्थित शिपयार्ड मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने इंफाल को बनाया है।

इस वॉरशिप को बंदरगाह और समुद्र में टेस्टिंग के बाद 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना (Indian Navy) को सौंप दिया गया था। इंफाल पहला वॉरशिप है जिसका नाम नॉर्थ ईस्ट के एक शहर पर रखा गया है। इसके लिए राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी थी।

इसके निर्माण में स्वदेशी स्टील DMR 249A का इस्तेमाल किया गया है, यानी इसका 75 फीसदी हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है। INS इंफाल विशाखापत्तनम कैटेगरी के 4 डिस्ट्रॉयर्स में से तीसरा है, जिसे भारतीय नौसेना (Indian Navy)  के इन-हाउस ऑर्गनाइजेशन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (In-house organization Warship Design Bureau) ने डिजाइन किया है।

PIB के मुताबिक, INS इंफाल को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Indian Freedom Struggle) में मणिपुर के बलिदान और योगदान के लिए श्रद्धांजलि कहा गया है। चाहे वह 1891 का एंग्लो-मणिपुर युद्ध (Anglo-Manipur War) हो या फिर 14 अप्रैल 1944 को मोइरांग वॉर, जिसमें पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) ने INA का झंडा फहराया था।

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वॉरशिप इंफाल सबसे कम समय में बनकर हुआ तैयार 

इंफाल के बनाने और उसके टेस्टिंग में लगा समय किसी भी भारतीय डिस्ट्रॉयर वॉरशिप के बनने में लगा सबसे कम वक्त है। इंफाल की आधारशिला 19 मई 2017 को रखी गई थी और जहाज को 20 अप्रैल 2019 को पानी में उतारा गया था।

इंफाल 28 अप्रैल 2023 को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ था। छह महीने की रिकॉर्ड समय सीमा के भीतर 20 अक्टूबर 2023 को इसकी डिलीवरी हो गई। इसके पहले भारतीय नौसेना में प्रोजेक्ट 15B के तहत बने INS विशाखापट्टनम को 21 नवंबर 2021 और INS मरमुगाओ को 18 दिसंबर 2022 को कमीशन किया गया था।

 2035 तक 170-175 जहाजों का बेड़ा तैयार करने का लक्ष्य : नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार

भारतीय नौसेना फिलहाल कोलकाता क्लास, दिल्ली क्लास और राजपूत क्लास के 11 गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर समेत 132 वॉरशिप का संचालन कर रही है। इनमें 67 जहाज अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 2035 तक 170-175 जहाजों का बेड़ा तैयार करने का लक्ष्य रखा है।

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