रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (Ruhilkhand University) बरेली में रजिस्ट्रार का विवाद खत्म होने की जगह और बढ़ता जा रहा है। कुलपति प्रो. केपी सिंह (Vice Chancellor Prof. KP Singh) ने मंगलवार को पत्र जारी कर साफ कर दिया कि अग्रिम आदेशों तक उप कुलसचिव सुनीता यादव ही कुलसचिव (रजिस्ट्रार) का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगी।
बरेली। रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (Ruhilkhand University) बरेली में रजिस्ट्रार का विवाद खत्म होने की जगह और बढ़ता जा रहा है। कुलपति प्रो. केपी सिंह (Vice Chancellor Prof. KP Singh) ने मंगलवार को पत्र जारी कर साफ कर दिया कि अग्रिम आदेशों तक उप कुलसचिव सुनीता यादव ही कुलसचिव (रजिस्ट्रार) का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगी। कुलपति ने बीते 12 अप्रैल के बाद कार्यविरत कुलसचिव के रूप में जारी अजय कृष्ण के सभी आदेशों को विधि विरुद्ध करार दिया है। कुलपति प्रो. केपी सिंह (Vice Chancellor Prof. KP Singh) ने मंगलवार को पत्र जारी कर कहा कि 12 अप्रैल को उप कुलसचिव सुनीता यादव को कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
उच्च शिक्षा विभाग के 16 अप्रैल को जारी पत्र के क्रम में कुलाधिपति से दिशा निर्देश मांगा गया है। कुलाधिपति से आवश्यक दिशा-निर्देश प्राप्त होने तक अथवा अग्रिम आदेशों तक 12 अप्रैल का आदेश पूर्ववत लागू रहेगा। ऐसे में उप कुलसचिव सुनीता यादव (Deputy Registrar Sunita Yadav) अपने दायित्वों के साथ-साथ कुलसचिव के अतिरिक्त प्रभार का भी निवर्हन करती रहेंगी। कुलपति ने इस आदेश की कॉपी कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव, कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग आदि को भी भेजी है।
पत्र में लिखा गया कार्यविरत कुलसचिव
कुलपति के पत्र की कॉपी अजय कृष्ण यादव को भी भेजी गई है। उसमें उनके नाम के आगे कार्यविरत कुलसचिव लिखा गया है। बता दें कि कुलपति प्रो. केपी सिंह ने 12 अप्रैल को कुलसचिव अजय कृष्ण यादव से प्रशासनिक कार्यभार छीन लिया था। उन्होंने उप कुलसचिव सुनीता यादव को कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया था। कुलसचिव को कार्यविरत करने के वीसी के आदेश को शासन ने 16 अप्रैल को निरस्त कर दिया था। 18 अप्रैल को रजिस्ट्रार ने दूसरी चाबी बनवाई। उन्होंने अपने कार्यालय का ताला खुलवाकर कुर्सी कब्जा ली। हालांकि कुलपति ने इसे पूरी तरह से नियमविरुद्ध माना था।
12 अप्रैल के बाद के सभी आदेश विधि-विरुद्ध
कुलपति ने एक और भी पत्र जारी किया है। इसके जरिए उन्होंने स्पष्ट किया है कि 12 अप्रैल को सुनीता यादव को कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वो अभी भी कुलसचिव के अतिरिक्त प्रभार का निर्वहन कर रही हैं। ऐसे में कार्यविरत कुलसचिव अजय कृष्ण यादव ने 12 अप्रैल से अभी तक अथवा अग्रिम निर्देशों तक जो भी आदेश जारी किए हैं, वो विधि मान्य नहीं होंगे।
स्पष्टीकरण मांगना पड़ गया भारी
कुलपति के पत्र को कार्यविरत कुलसचिव अजय कृष्ण यादव के उस पत्र से जोड़कर देखा जा रहा है,जिसमें उन्होंने प्रभारी कुलसचिव से छुट्टी का आदेश जारी करने के विषय में स्पष्टीकरण मांगा था। स्पष्टीकरण मांगने के अगले दिन ही वीसी ने यह साफ कर दिया कि अभी यूनिवर्सिटी में कुलसचिव का प्रभार सुनीता यादव के पास ही है।
शासन के आदेश के क्रम में मैं ही हूं कुलसचिव
इस बारे में बात करने पर अजय कृष्ण यादव ने कहा कि शासन के आदेश से ऊपर कोई नहीं है। उसी के क्रम में मैं पद स्थापित हुआ था। अभी उस आदेश पर कोई रोक नहीं लगी है। इसलिए मैं ही यूनिवर्सिटी का कुलसचिव हूं। मैंने शासन को इस विषय में पत्र भेज दिया है। साथ ही उप कुलसचिव सुनीता यादव को भी इसका शासन के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।