1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Jal Jeevan Mission Scam : एमपी में 1000 करोड़ रुपये का घोटाला, सीएम ने मंत्री के खिलाफ दिए जांच के आदेश, PMO के पत्र से मचा हड़कंप

Jal Jeevan Mission Scam : एमपी में 1000 करोड़ रुपये का घोटाला, सीएम ने मंत्री के खिलाफ दिए जांच के आदेश, PMO के पत्र से मचा हड़कंप

MP Jal Jeevan Mission Scam: मध्य प्रदेश से जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission)  में 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसके चलते बीजेपी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है और सियासत गर्म हो गई है। राज्य की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्री संपतिया उइके (Public Health Engineering Department Minister Sampatiya Uike) पर जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के केंद्र सरकार के तरफ से मिले फंड में हेराफेरी करने के आरोप लगे हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

MP Jal Jeevan Mission Scam: मध्य प्रदेश से जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission)  में 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसके चलते बीजेपी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है और सियासत गर्म हो गई है। राज्य की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्री संपतिया उइके (Public Health Engineering Department Minister Sampatiya Uike) पर जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के केंद्र सरकार के तरफ से मिले फंड में हेराफेरी करने के आरोप लगे हैं। इसके चलते सीएम मोहन यादव के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग यानी PHE ने मंत्री के खिलाफ जांच का आदेश दिया है।

पढ़ें :- कांग्रेस, बोली - जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ के महाघोटाले पर मोदी जी की नज़र नहीं पड़ी? न खाऊँगा न खाने दूँगा क्या हुआ…

बता दें कि जांच इंजीनियर-इन-चीफ (ENC) संजय अंधावन ने इस मामले में मंत्री संपतिया उइके और एक कार्यकारी अभियंता पर भ्रष्टाचार के मामले में जांच का आदेश दिया है। मामले में आरोप हैं कि इन्होंने जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार के तरफ से मध्य प्रदेश को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के धन में हेराफेरी की और मंत्री के लिए पैसा जुटाया।

जांच  रिपोर्ट 7 दिन में पेश करने के आदेश

ENC संजय अंधावन ने पीएचई विभाग के सभी क्षेत्रों के मुख्य अभियंता और एमपी जल निगम लिमिटेड (MP Jal Nigam Limited), भोपाल के परियोजना निदेशक (Project Director of Bhopal) को पत्र भेजा है। इन सभी अधिकारियों को सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।

जल जीवन मिशन से जुड़े घूस मामले में मंत्री संपतिया उईके की सफाई, बोलीं- मुझे बेवजह किया जा रहा है प्रताड़ित

पढ़ें :- Jal Jeevan Mission Scam : चित्रकूट की जनता मीलों दूर से पैदल, बैलगाड़ी और साइकिल से ढो रही पानी, ‘हर घर नल से जल’ योजना का बेड़ागर्क

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) से जुड़े 1000 करोड़ रुपये की घूस लेने के गंभीर आरोपों पर मंत्री संपतिया उईके (Minister Sampatiya Uike) ने सफाई दी है। मंत्री उईके ने कहा कि मैं जनता की सेवा कर रही हूं। इस मामले में मेरा जवाब मुख्यमंत्री देंगे। मुझे बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है और यदि किसी के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच जरूर होती है। मंत्री उईके ने बताया कि वह इस मुद्दे को कैबिनेट बैठक में भी उठाएंगी और प्रेस वार्ता कर एक-एक सवाल का जवाब देंगी।

जानें क्या है मामला?

दरअसल, मध्यप्रदेश की आदिवासी मंत्री संपतिया उईके (Tribal Minister of Madhya Pradesh Sampatiya Uikey) पर जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ रुपये की घूस लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाए हैं, जिनकी शिकायत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने खुद अपनी मंत्री के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। अब पीएचई विभाग के अधिकारी पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

पूर्व विधायक किशोर समरीते ने की शिकायत

यह गंभीर आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते ने पीएमओ को भेजे गए पत्र से सामने आए हैं। 12 अप्रैल को भेजी गई इस शिकायत में कहा गया है कि मंत्री ने मिशन से एक हजार करोड़ की कमीशन वसूली की है। शिकायत में तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे पर करोड़ों रुपए की घूसखोरी के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही बैतूल में कार्यपालन यंत्री पर बिना किसी कार्य के 150 करोड़ रुपये निकालने का आरोप। छिदवाड़ा और बालाघाट में भी इसी तरह की अनियमितताएं।

पढ़ें :- Jal Jeevan Mission Scam : 40 दिन में जानें कैसे गिरी तीन टंकियां? टेंडर RCC का और खड़ी कर दी जिंक एलम की टंकी

मुख्य अभियंता (मैकेनिकल) पर 2200 टेंडरों में बिना कार्य के राशि जारी करने का आरोप। और केंद्र सरकार को 7000 फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भेजने का दावा। पूर्व विधायक समरीते की शिकायत में राज्य की जल आपूर्ति अवसंरचना परियोजनाओं में कई अधिकारियों और ठेकेदारों की संलिप्तता में व्यापक भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया गया है। उनकी शिकायत में कहा गया है कि इस योजना में, भारत सरकार को 3,000 पूरी तरह से फर्जी कार्य पूर्णता और उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे गए हैं, जिन्हें तुरंत जब्त किया जाना चाहिए।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...