Jay Shah Career Record: बीसीसीआई सचिव जय शाह को निर्विरोध आईसीसी के अध्यक्ष चुने गए। सिर्फ 35 साल के जय शाह इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा हैं। उनकी इस सफलता के पीछे भारतीय क्रिकेट के लिए 15 साल का अहम योगदान है। जिसमें उन्होंने जिला स्तरीय क्रिकेट से काम शुरू किया और वह आज वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे बड़े पद को संभालने जा रहे हैं। आइये जय शाह के 15 साल के करियर और उनके द्वारा किए गए कामों पर एक नजर डालते हैं-
Jay Shah Career Record: बीसीसीआई सचिव जय शाह को निर्विरोध आईसीसी के अध्यक्ष चुने गए। सिर्फ 35 साल के जय शाह इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा हैं। उनकी इस सफलता के पीछे भारतीय क्रिकेट के लिए 15 साल का अहम योगदान है। जिसमें उन्होंने जिला स्तरीय क्रिकेट से काम शुरू किया और वह आज वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे बड़े पद को संभालने जा रहे हैं। आइये जय शाह के 15 साल के करियर और उनके द्वारा किए गए कामों पर एक नजर डालते हैं-
साल 2009 में सीबीसीए से शुरू हुआ सफर
भारत के मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह का क्रिकेट प्रशासन में औपचारिक प्रवेश साल 2009 में हुआ था। उन्होंने 20 साल की उम्र में केंद्रीय क्रिकेट बोर्ड अहमदाबाद (सीबीसीए) के साथ जिला स्तर पर अपने करियर की शुरुआत की। वह प्रसाशनिक अधिकारी के तौर पर क्रिकेट से जुड़े संघ, बोर्ड या परिषद में रहे हैं और अपने काम के दम पर वे आगे बढ़ते रहे हैं। वह गुजरात क्रिकेट संघ (जीसीए) के कार्यकारी के रूप में जुड़े और 2013 में जीसीए के संयुक्त सचिव नियुक्त किए गए। अगले कुछ वर्षों में जय शाह के तमाम महत्वपूर्ण योगदानों के कारण उन्हें 2019 में सबसे कम उम्र के बीसीसीआई सचिव के रूप में चुना गया।
बीसीसीआई सचिव बनने के बाद आईसीसी में एंट्री
साल 2019 में जय शाह को आईसीसी के भावी मुख्य कार्यकारी समिति (CEC) बैठकों के लिए बीसीसीआई के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था। इन दोनों कार्यभार को संभालते हुए 2021 में शाह को एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। 2022 में वह ICC के बोर्ड के सदस्य भी बनें। इसके बाद, 2024 की शुरुआत में उनको एक बार एसीसीसी चेयरमैन चुना गया। जया शाह एसीसी अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्त होने वाले वे सबसे कम उम्र के प्रशासक भी बने। 2022 में जय शाह ने आईसीसी के वित्त और वाणिज्यिक मामलों की (F&CA) समिति के प्रमुख भी बन गए। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न भूमिकाओं में रहकर जय शाह ने क्रिकेट को आगे बढ़ाने का काम किया है। उनकी इसी अनूठी दूरदर्शिता ने वैश्विक स्तर पर उनका नाम बनाया और वे अब आईसीसी के चेयरमैन होंगे।
भारतीय क्रिकेट के सुधार में योगदान
जय शाह ने एशियाई क्रिकेट को आगे बढ़ाने से लेकर नए टूर्नामेंट शुरू करने और युवा प्रतिभाओं को निखारने का कम किया है। राष्ट्रमंडल खेलों जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में क्रिकेट को शामिल करने की वकालत करने में भी उनकी अहम भूमिका रही। जय शाह के कार्यकाल में ही आईपीएल ने नई ऊंचाइयों को छूआ और टूर्नामेंट के मीडिया राइट्स 2022 में पांच साल के लिए 48,390 करोड़ रुपये में बेचे गए। वह अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम के निर्माण में एक प्रमुख व्यक्ति थे।
जय शाह की सबसे बड़ी उपलब्धि विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) की शुरुआत भी है। उनकी अगुआई में डब्ल्यूपीएल के लगातार दो सफल सत्र का आयोजन हुआ। सबसे बड़ी बात यह है कि विमेंस टी20 क्रिकेट में WPL सबसे अधिक राशि के अनुबंध दे रही है। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय विमेंस क्रिकेट टीम को समान मैच फीस (प्रति टेस्ट 15 लाख रुपये, प्रति वनडे आठ लाख रुपये और एकादश में शामिल खिलाड़ियों के लिए प्रति टी20 मैच चार लाख रुपये) देकर समानता सुनिश्चित करने का एक बड़ा फैसला लिया।
शाह का एक और नीतिगत फैसला टेस्ट क्रिकेट को प्रोत्साहन देना रहा। उनकी एक और बड़ी उपलब्धि नेशनल क्रिकेट एकेडमी का निर्माण है जो एक हाई परफॉर्मेंस सेंटर है। जहां घरेलू सत्र के दौरान एक ही स्थल पर कई प्रथम श्रेणी मैचों का आयोजन किया जा सकता है।