राजस्थान के झालावाड़ में हुए दर्दनाक हादसे के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। सरकार ने देश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए है। ऑडिट 2021 में जारी सुरक्षा दिशा-निर्देशों और 2016 के आपदा प्रबंधन निर्देशों के अनुसार होगा।
नई दिल्ली। राजस्थान के झालावाड़ में हुए दर्दनाक हादसे के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। सरकार ने देश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए है। ऑडिट 2021 में जारी सुरक्षा दिशा-निर्देशों और 2016 के आपदा प्रबंधन निर्देशों के अनुसार होगा। शिक्षा विभाग ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर जांच कराने का आदेश दिया है। साथ ही दोषियों पर के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। बता दे कि राजस्थान के झालावाड में सरकारी स्कूल की छत गिर जाने से सात छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
केंद्रिय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि ऑडिट के साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करें कि किसी भी स्कूलों में इस तरह के हादसे न हो, जिसमें किसी बच्चों को अपनी जान गवानी पड़े।
मंत्रालय ने ऐसे हादसों को बड़ी सुरक्षा खामी बताया है और कहा है कि सुरक्षा ऑडिट के दौरान यदि कहीं खामी पाए तो इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस बीच मंत्रालय ने यह साफ किया है कि सुरक्षा ऑडिट सरकारी और निजी दोनों स्कूलों का होगा। मंत्रालय ने इसके दौरान राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश और झारखंड के स्कूलों में सामने आयी ऐसी खामियों का भी जिक्र किया है। मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वह बगैर कोई देरी किए तुरंत स्कूलों की सुरक्षा ऑडिट का काम शुरू करें।
शिक्षा मंत्रालय ने की अपील
राज्यों को लिखे पत्र में शिक्षा मंत्रालय ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी आगे आने की अपील की है और कहा है कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए क्षेत्र के असुरक्षित स्कूल भवनों को लेकर स्थानीय प्रशासन व जिम्मेदार अधिकारियों के शिकायत दर्ज कराए। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश भर में करीब 15 लाख स्कूल है। इनमें सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूल शामिल है।
इन पहलुओं पर होगी जांच
— स्कूलों भवनों और उनसे जुड़ी जनसुविधाओं के ढांचे को जांचा जाए।
— स्कूलों में आग से बचाव के इंतजामों को जांचा जाए।
— इमरजेंसी निकास और इलेक्टि्रक वायरिंग की अनिवार्य रूप से जांचा जाए।
— स्कूलों में प्राथमिक उपचार पेटी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
— स्कूलों के शिक्षकों, कर्मचारियों व बच्चों को ऐसे घटना से बचाव को लेकर जागरूकता और प्रशिक्षण।
— ऐसी किसी घटना पर रिपोर्टिंग तंत्र का गठन।
रिपोर्ट : सतीश सिंह