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Jitan Ram Manjhi jeevan parichay: क्लर्क की नौकरी छोड़ी, विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक बने…ऐसा है जीतन राम मांझी का सफरनामा

क्लर्क की नौकरी छोड़ने के बाद राजनीति में लगातार सीढ़ियां चढ़ने वाले जीतन राम मांझी का बिहार की राजनीति में अहम योगदान है। उन्होंने बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी भी संभाली। हालांकि, जेडीयू से अलग होने के बाद उन्होंने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की स्थापना की।

By शिव मौर्या 
Updated Date

Jitan Ram Manjhi jeevan parichay: क्लर्क की नौकरी छोड़ने के बाद राजनीति में लगातार सीढ़ियां चढ़ने वाले जीतन राम मांझी का बिहार की राजनीति में अहम योगदान है। उन्होंने बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी भी संभाली। हालांकि, जेडीयू से अलग होने के बाद उन्होंने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की स्थापना की। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद वो पहली बार केंद्र में कैबिनेट मंत्री बने।

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प्रारंभिक जीवन
जीतन राम मांझी का जन्म बिहार के गया जिले के खिजरसराय के महकार गांव में 6 अक्टूबर 1944 हुआ था। जीतन राम मांझी दलित समुदाय की मुसहर जाति से आते हैं। इनके पिता रामजीत राम मांझी खेती—किसानी करते थे। इन्होंने 1966 में गया महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इनकी पत्नी का नाम शांतिदेवी है। इनके दो पुत्र और पांच पुत्रियां हैं।

1966 में की थी क्लर्क की नौकरी
जीतन राम मांझी ने स्नातक करने के बाद 1966 में क्लर्क के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी। लेकिन इन्होंने नौकरी ज्यादा दिनों तक नहीं की और 1980 में राजनीति में आने के लिए इन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ दिया। राजनीति में आने के बाद जीतन राम मांझी लगातार आगे बढ़ते रहे और कई बार विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक बने।

कांग्रेस संग शुरू की राजनीतिक यात्रा
जीतन राम मांझी ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरूआत 1980 से की। पहली बार वो कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। उन्होंने गया जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे बिहार में चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में पहली बार मंत्री बने। इसके बाद वो लगातार बिहार की राजनीति में आगे बढ़ते गए।

10 महीने के लिए बने थे बिहार के मुख्यमंत्री
जीतन राम मांझी जेडीयू की ओर से 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे। मुख्यमंत्री बनने के 10 महीनों के बाद पार्टी ने उनसे नीतीश कुमार के लिये पद छोड़ने को कहा। ऐसा न करने के कारण उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। 20 फरवरी 2015 को बहुमत साबित न कर पाने के कारण उन्होनें इस्तीफ़ा दे दिया था। यही नहीं, इन्होंने विधानसभा में कई कार्यकाल पूरे किए हैं और विभिन्न सरकारों में मंत्री पद संभाले हैं।

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जेडीयू से अलग होने के बाद ‘हम’ पार्टी
जीतन राम मांझी जेडीयू से अलग होने के बाद अपनी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पार्टी की स्थापना की। उनके बेटे संतोष सुमन भी बिहार सरकार में मंत्री हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने गया सीट हम को दी, जहां से मांझी विजयी हुए। पिछले तीन प्रयासों के बाद यह उनकी पहली लोकसभा चुनाव में सफलता है। जीतन राम मांझी इस समय मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

ये है पूरा सफरनामा
नाम- जीतन राम मांझी
पिता — रामजीत राम मांझी
दल – हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा
पत्नी का नाम – शांतिदेवी
धर्म- हिन्दू
जन्‍म तिथि- 6 अक्टूबर 1944
जन्‍म स्थान- बिहार

 

 

 

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